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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3415 | 30 | 6 | وعد الله لا يخلف الله وعده ولكن أكثر الناس لا يعلمون |
| | | यह अल्लाह का वादा है! अल्लाह अपने वादे का उल्लंघन नहीं करता। किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं |
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3416 | 30 | 7 | يعلمون ظاهرا من الحياة الدنيا وهم عن الآخرة هم غافلون |
| | | वे सांसारिक जीवन के केवल वाह्य रूप को जानते है। किन्तु आख़िरत की ओर से वे बिलकुल असावधान है |
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3417 | 30 | 8 | أولم يتفكروا في أنفسهم ما خلق الله السماوات والأرض وما بينهما إلا بالحق وأجل مسمى وإن كثيرا من الناس بلقاء ربهم لكافرون |
| | | क्या उन्होंने अपने आप में सोच-विचार नहीं किया? अल्लाह ने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है सत्य के साथ और एक नियत अवधि ही के लिए पैदा किया है। किन्तु बहुत-से लोग अपने प्रभु के मिलन का इनकार करते है |
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3418 | 30 | 9 | أولم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم كانوا أشد منهم قوة وأثاروا الأرض وعمروها أكثر مما عمروها وجاءتهم رسلهم بالبينات فما كان الله ليظلمهم ولكن كانوا أنفسهم يظلمون |
| | | क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ जो उनसे पहले थे? वे शक्ति में उनसे अधिक बलवान थे और उन्होंने धरती को उपजाया और उससे कहीं अधिक उसे आबाद किया जितना उन्होंने आबाद किया था। और उनके पास उनके रसूल प्रत्यक्ष प्रमाण लेकर आए। फिर अल्लाह ऐसा न था कि उनपर ज़ुल्म करता। किन्तु वे स्वयं ही अपने आप पर ज़ुल्म करते थे |
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3419 | 30 | 10 | ثم كان عاقبة الذين أساءوا السوأى أن كذبوا بآيات الله وكانوا بها يستهزئون |
| | | फिर जिन लोगों ने बुरा किया था उनका परिणाम बुरा हुआ, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और उनका उपहास करते रहे |
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3420 | 30 | 11 | الله يبدأ الخلق ثم يعيده ثم إليه ترجعون |
| | | अल्लाह की सृष्टि का आरम्भ करता है। फिर वही उसकी पुनरावृति करता है। फिर उसी की ओर तुम पलटोगे |
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3421 | 30 | 12 | ويوم تقوم الساعة يبلس المجرمون |
| | | जिस दिन वह घड़ी आ खड़ी होगी, उस दिन अपराधी एकदम निराश होकर रह जाएँगे |
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3422 | 30 | 13 | ولم يكن لهم من شركائهم شفعاء وكانوا بشركائهم كافرين |
| | | उनके ठहराए हुए साझीदारों में से कोई उनका सिफ़ारिश करनेवाला न होगा और वे स्वयं भी अपने साझीदारों का इनकार करेंगे |
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3423 | 30 | 14 | ويوم تقوم الساعة يومئذ يتفرقون |
| | | और जिस दिन वह घड़ी आ खड़ी होगी, उस दिन वे सब अलग-अलग हो जाएँगे |
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3424 | 30 | 15 | فأما الذين آمنوا وعملوا الصالحات فهم في روضة يحبرون |
| | | अतः जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे एक बाग़ में प्रसन्नतापूर्वक रखे जाएँगे |
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