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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3411 | 30 | 2 | غلبت الروم |
| | | (यहाँ से) बहुत क़रीब के मुल्क में रोमी (नसारा अहले फ़ारस आतिश परस्तों से) हार गए |
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3412 | 30 | 3 | في أدنى الأرض وهم من بعد غلبهم سيغلبون |
| | | मगर ये लोग अनक़रीब ही अपने हार जाने के बाद चन्द सालों में फिर (अहले फ़ारस पर) ग़ालिब आ जाएँगे |
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3413 | 30 | 4 | في بضع سنين لله الأمر من قبل ومن بعد ويومئذ يفرح المؤمنون |
| | | क्योंकि (इससे) पहले और बाद (ग़रज़ हर ज़माने में) हर अम्र का एख्तेयार ख़ुदा ही को है और उस दिन ईमानदार लोग ख़ुदा की मदद से खुश हो जाएँगे |
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3414 | 30 | 5 | بنصر الله ينصر من يشاء وهو العزيز الرحيم |
| | | वह जिसकी चाहता है मदद करता है और वह (सब पर) ग़ालिब रहम करने वाला है |
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3415 | 30 | 6 | وعد الله لا يخلف الله وعده ولكن أكثر الناس لا يعلمون |
| | | (ये) ख़ुदा का वायदा है) ख़ुदा अपने वायदे के ख़िलाफ नहीं किया करता मगर अकसर लोग नहीं जानते हैं |
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3416 | 30 | 7 | يعلمون ظاهرا من الحياة الدنيا وهم عن الآخرة هم غافلون |
| | | ये लोग बस दुनियावी ज़िन्दगी की ज़ाहिरी हालत को जानते हैं और ये लोग आखेरत से बिल्कुल ग़ाफिल हैं |
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3417 | 30 | 8 | أولم يتفكروا في أنفسهم ما خلق الله السماوات والأرض وما بينهما إلا بالحق وأجل مسمى وإن كثيرا من الناس بلقاء ربهم لكافرون |
| | | क्या उन लोगों ने अपने दिल में (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने सारे आसमान और ज़मीन को और जो चीजे उन दोनों के दरमेयान में हैं बस बिल्कुल ठीक और एक मुक़र्रर मियाद के वास्ते पैदा किया है और कुछ शक नहीं कि बहुतेरे लोग तो अपने परवरदिगार की (बारगाह) के हुज़ूर में (क़यामत) ही को किसी तरह नहीं मानते |
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3418 | 30 | 9 | أولم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم كانوا أشد منهم قوة وأثاروا الأرض وعمروها أكثر مما عمروها وجاءتهم رسلهم بالبينات فما كان الله ليظلمهم ولكن كانوا أنفسهم يظلمون |
| | | क्या ये लोग रुए ज़मीन पर चले फिरे नहीं कि देखते कि जो लोग इनसे पहले गुज़र गए उनका अन्जाम कैसा (बुरा) हुआ हालॉकि जो लोग उनसे पहले क़ूवत में भी कहीं ज्यादा थे और जिस क़दर ज़मीन उन लोगों ने आबाद की है उससे कहीं ज्यादा (ज़मीन की) उन लोगों ने काश्त भी की थी और उसको आबाद भी किया था और उनके पास भी उनके पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ चुके थे (मगर उन लोगों ने न माना) तो ख़ुदा ने उन पर कोई ज़ुल्म नहीं किया मगर वह लोग (कुफ्र व सरकशी से) आप अपने ऊपर ज़ुल्म करते रहे |
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3419 | 30 | 10 | ثم كان عاقبة الذين أساءوا السوأى أن كذبوا بآيات الله وكانوا بها يستهزئون |
| | | फिर जिन लोगों ने बुराई की थी उनका अन्जाम बुरा ही हुआ क्योंकि उन लोगों ने ख़ुदा की आयतों को झुठलाया था और उनके साथ मसखरा पन किया किए |
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3420 | 30 | 11 | الله يبدأ الخلق ثم يعيده ثم إليه ترجعون |
| | | ख़ुदा ही ने मख़लूकात को पहली बार पैदा किया फिर वही दुबारा (पैदा करेगा) फिर तुम सब लोग उसी की तरफ लौटाए जाओगे |
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