بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
3410301بسم الله الرحمن الرحيم الم
अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰
3411302غلبت الروم
रूमी निकटवर्ती क्षेत्र में पराभूत हो गए हैं।
3412303في أدنى الأرض وهم من بعد غلبهم سيغلبون
और वे अपने पराभव के पश्चात शीघ्र ही कुछ वर्षों में प्रभावी हो जाएँगे।
3413304في بضع سنين لله الأمر من قبل ومن بعد ويومئذ يفرح المؤمنون
हुक्म तो अल्लाह ही का है पहले भी और उसके बाद भी। और उस दिन ईमानवाले अल्लाह की सहायता से प्रसन्न होंगे।
3414305بنصر الله ينصر من يشاء وهو العزيز الرحيم
वह जिसकी चाहता है, सहायता करता है। वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, दयावान है
3415306وعد الله لا يخلف الله وعده ولكن أكثر الناس لا يعلمون
यह अल्लाह का वादा है! अल्लाह अपने वादे का उल्लंघन नहीं करता। किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं
3416307يعلمون ظاهرا من الحياة الدنيا وهم عن الآخرة هم غافلون
वे सांसारिक जीवन के केवल वाह्य रूप को जानते है। किन्तु आख़िरत की ओर से वे बिलकुल असावधान है
3417308أولم يتفكروا في أنفسهم ما خلق الله السماوات والأرض وما بينهما إلا بالحق وأجل مسمى وإن كثيرا من الناس بلقاء ربهم لكافرون
क्या उन्होंने अपने आप में सोच-विचार नहीं किया? अल्लाह ने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है सत्य के साथ और एक नियत अवधि ही के लिए पैदा किया है। किन्तु बहुत-से लोग अपने प्रभु के मिलन का इनकार करते है
3418309أولم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم كانوا أشد منهم قوة وأثاروا الأرض وعمروها أكثر مما عمروها وجاءتهم رسلهم بالبينات فما كان الله ليظلمهم ولكن كانوا أنفسهم يظلمون
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ जो उनसे पहले थे? वे शक्ति में उनसे अधिक बलवान थे और उन्होंने धरती को उपजाया और उससे कहीं अधिक उसे आबाद किया जितना उन्होंने आबाद किया था। और उनके पास उनके रसूल प्रत्यक्ष प्रमाण लेकर आए। फिर अल्लाह ऐसा न था कि उनपर ज़ुल्म करता। किन्तु वे स्वयं ही अपने आप पर ज़ुल्म करते थे
34193010ثم كان عاقبة الذين أساءوا السوأى أن كذبوا بآيات الله وكانوا بها يستهزئون
फिर जिन लोगों ने बुरा किया था उनका परिणाम बुरा हुआ, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और उनका उपहास करते रहे


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