بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
33942954يستعجلونك بالعذاب وإن جهنم لمحيطة بالكافرين
वे तुमसे यातना के लिए जल्दी मचा रहे है, हालाँकि जहन्नम इनकार करनेवालों को अपने घेरे में लिए हुए है
33952955يوم يغشاهم العذاب من فوقهم ومن تحت أرجلهم ويقول ذوقوا ما كنتم تعملون
जिस दिन यातना उन्हें उनके ऊपर से ढाँक लेगी और उनके पाँव के नीचे से भी, और वह कहेगा, "चखो उसका मज़ा जो कुछ तुम करते रहे हो!"
33962956يا عبادي الذين آمنوا إن أرضي واسعة فإياي فاعبدون
ऐ मेरे बन्दों, जो ईमान लाए हो! निस्संदेह मेरी धरती विशाल है। अतः तुम मेरी ही बन्दगी करो
33972957كل نفس ذائقة الموت ثم إلينا ترجعون
प्रत्येक जीव को मृत्यु का स्वाद चखना है। फिर तुम हमारी ओर वापस लौटोगे
33982958والذين آمنوا وعملوا الصالحات لنبوئنهم من الجنة غرفا تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها نعم أجر العاملين
जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें हम जन्नत की ऊपरी मंज़िल के कक्षों में जगह देंगे, जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। वे उसमें सदैव रहेंगे। क्या ही अच्छा प्रतिदान है कर्म करनेवालों का!
33992959الذين صبروا وعلى ربهم يتوكلون
जिन्होंने धैर्य से काम लिया और जो अपने रब पर भरोसा रखते है
34002960وكأين من دابة لا تحمل رزقها الله يرزقها وإياكم وهو السميع العليم
कितने ही चलनेवाले जीवधारी है, जो अपनी रोज़ी उठाए नहीं फिरते। अल्लाह ही उन्हें रोज़ी देता है और तुम्हें भी! वह सब कुछ सुनता, जानता है
34012961ولئن سألتهم من خلق السماوات والأرض وسخر الشمس والقمر ليقولن الله فأنى يؤفكون
और यदि तुम उनसे पूछो कि "किसने आकाशों और धरती को पैदा किया और सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगाया?" तो वे बोल पड़ेगे, "अल्लाह ने!" फिर वे किधर उलटे फिरे जाते है?
34022962الله يبسط الرزق لمن يشاء من عباده ويقدر له إن الله بكل شيء عليم
अल्लाह अपने बन्दों में से जिसके लिए चाहता है आजीविका विस्तीर्ण कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है। निस्संदेह अल्लाह हरेक चीज़ को भली-भाँति जानता है
34032963ولئن سألتهم من نزل من السماء ماء فأحيا به الأرض من بعد موتها ليقولن الله قل الحمد لله بل أكثرهم لا يعقلون
और यदि तुम उनसे पूछो कि "किसने आकाश से पानी बरसाया; फिर उसके द्वारा धरती को उसके मुर्दा हो जाने के पश्चात जीवित किया?" तो वे बोल पड़ेंगे, "अल्लाह ने!" कहो, "सारी प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है।" किन्तु उनमें से अधिकतर बुद्धि से काम नहीं लेते


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