بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
33842944خلق الله السماوات والأرض بالحق إن في ذلك لآية للمؤمنين
अल्लाह ने आकाशों और धरती को सत्य के साथ पैदा किया। निश्चय ही इसमें ईमानवालों के लिए एक बड़ी निशानी है
33852945اتل ما أوحي إليك من الكتاب وأقم الصلاة إن الصلاة تنهى عن الفحشاء والمنكر ولذكر الله أكبر والله يعلم ما تصنعون
उस किताब को पढ़ो जो तुम्हारी ओर प्रकाशना के द्वारा भेजी गई है, और नमाज़ का आयोजन करो। निस्संदेह नमाज़ अश्लीलता और बुराई से रोकती है। और अल्लाह का याद करना तो बहुत बड़ी चीज़ है। अल्लाह जानता है जो कुछ तुम रचते और बनाते हो
33862946ولا تجادلوا أهل الكتاب إلا بالتي هي أحسن إلا الذين ظلموا منهم وقولوا آمنا بالذي أنزل إلينا وأنزل إليكم وإلهنا وإلهكم واحد ونحن له مسلمون
और किताबवालों से बस उत्तम रीति ही से वाद-विवाद करो - रहे वे लोग जो उनमें ज़ालिम हैं, उनकी बात दूसरी है - और कहो - "हम ईमान लाए उस चीज़ पर जो अवतरित हुई और तुम्हारी ओर भी अवतरित हुई। और हमारा पूज्य और तुम्हारा पूज्य अकेला ही है और हम उसी के आज्ञाकारी है।"
33872947وكذلك أنزلنا إليك الكتاب فالذين آتيناهم الكتاب يؤمنون به ومن هؤلاء من يؤمن به وما يجحد بآياتنا إلا الكافرون
इसी प्रकार हमने तुम्हारी ओर किताब अवतरित की है, तो जिन्हें हमने किताब प्रदान की है वे उसपर ईमान लाएँगे। उनमें से कुछ उसपर ईमान ला भी रहे है। हमारी आयतों का इनकार तो केवल न माननेवाले ही करते है
33882948وما كنت تتلو من قبله من كتاب ولا تخطه بيمينك إذا لارتاب المبطلون
इससे पहले तुम न कोई किताब पढ़ते थे और न उसे अपने हाथ से लिखते ही थे। ऐसा होता तो ये मिथ्यावादी सन्देह में पड़ सकते थे
33892949بل هو آيات بينات في صدور الذين أوتوا العلم وما يجحد بآياتنا إلا الظالمون
नहीं, बल्कि वे तो उन लोगों के सीनों में विद्यमान खुली निशानियाँ है, जिन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ है। हमारी आयतों का इनकार तो केवल ज़ालिम ही करते है
33902950وقالوا لولا أنزل عليه آيات من ربه قل إنما الآيات عند الله وإنما أنا نذير مبين
उनका कहना है कि "उसपर उसके रब की ओर से निशानियाँ क्यों नहीं अवतरित हुई?" कह दो, "निशानियाँ तो अल्लाह ही के पास है। मैं तो केवल स्पष्ट रूप से सचेत करनेवाला हूँ।"
33912951أولم يكفهم أنا أنزلنا عليك الكتاب يتلى عليهم إن في ذلك لرحمة وذكرى لقوم يؤمنون
क्या उनके लिए यह पर्याप्त नहीं कि हमने तुमपर किताब अवतरित की, जो उन्हें पढ़कर सुनाई जाती है? निस्संदेह उसमें उन लोगों के लिए दयालुता है और अनुस्मृति है जो ईमान लाएँ
33922952قل كفى بالله بيني وبينكم شهيدا يعلم ما في السماوات والأرض والذين آمنوا بالباطل وكفروا بالله أولئك هم الخاسرون
कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह गवाह के रूप में काफ़ी है।" वह जानता है जो कुछ आकाशों और धरती में है। जो लोग असत्य पर ईमान लाए और अल्लाह का इनकार किया वही है जो घाटे में है
33932953ويستعجلونك بالعذاب ولولا أجل مسمى لجاءهم العذاب وليأتينهم بغتة وهم لا يشعرون
वे तुमसे यातना के लिए जल्दी मचा रहे है। यदि इसका एक नियत समय न होता तो उनपर अवश्य ही यातना आ जाती। वह तो अचानक उनपर आकर रहेगी कि उन्हें ख़बर भी न होगी


0 ... 328.3 329.3 330.3 331.3 332.3 333.3 334.3 335.3 336.3 337.3 339.3 340.3 341.3 342.3 343.3 344.3 345.3 346.3 347.3 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

294356022829120569744751691173015302804