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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3368 | 29 | 28 | ولوطا إذ قال لقومه إنكم لتأتون الفاحشة ما سبقكم بها من أحد من العالمين |
| | | (और ऐ रसूल) लूत को (याद करो) जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग अजब बेहयाई का काम करते हो कि तुमसे पहले सारी खुदायी के लोगों में से किसी ने नहीं किया |
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3369 | 29 | 29 | أئنكم لتأتون الرجال وتقطعون السبيل وتأتون في ناديكم المنكر فما كان جواب قومه إلا أن قالوا ائتنا بعذاب الله إن كنت من الصادقين |
| | | तुम लोग (औरतों को छोड़कर कज़ाए शहवत के लिए) मर्दों की तरफ गिरते हो और (मुसाफिरों की) रहजनी करते हो और तुम लोग अपनी महफिलों में बुरी बुरी हरकते करते हो तो (इन सब बातों का) लूत की क़ौम के पास इसके सिवा कोई जवाब न था कि वह लोग कहने लगे कि भला अगर तुम सच्चे हो तो हम पर ख़ुदा का अज़ाब तो ले आओ |
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3370 | 29 | 30 | قال رب انصرني على القوم المفسدين |
| | | तब लूत ने दुआ की कि परवरदिगार इन मुफ़सिद लोगों के मुक़ाबले में मेरी मदद कर |
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3371 | 29 | 31 | ولما جاءت رسلنا إبراهيم بالبشرى قالوا إنا مهلكو أهل هذه القرية إن أهلها كانوا ظالمين |
| | | (उस वक्त अज़ाब की तैयारी हुई) और जब हमारे भेजे हुए फ़रिश्ते इबराहीम के पास (बुढ़ापे में बेटे की) खुशखबरी लेकर आए तो (इबराहीम से) बोले हम लोग अनक़रीब इस गाँव के रहने वालों को हलाक करने वाले हैं (क्योंकि) इस बस्ती के रहने वाले यक़ीनी (बड़े) सरकश है |
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3372 | 29 | 32 | قال إن فيها لوطا قالوا نحن أعلم بمن فيها لننجينه وأهله إلا امرأته كانت من الغابرين |
| | | (ये सुन कर) इबराहीम ने कहा कि इस बस्ती में तो लूत भी है वह फरिश्ते बोले जो लोग इस बस्ती में हैं हम लोग उनसे खूब वाक़िफ़ हैं हम तो उनको और उनके लड़के बालों को यक़ीनी बचा लेंगे मगर उनकी बीबी को वह (अलबता) पीछे रह जाने वालों में होगीं |
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3373 | 29 | 33 | ولما أن جاءت رسلنا لوطا سيء بهم وضاق بهم ذرعا وقالوا لا تخف ولا تحزن إنا منجوك وأهلك إلا امرأتك كانت من الغابرين |
| | | और जब हमारे भेजे हुए फरिश्ते लूत के पास आए लूत उनके आने से ग़मग़ीन हुए और उन (की मेहमानी) से दिल तंग हुए (क्योंकि वह नौजवान खूबसूरत मर्दों की सरूत में आए थे) फरिश्तों ने कहा आप ख़ौफ न करें और कुढ़े नही हम आपको और आपके लड़के बालों को बचा लेगें मगर आपकी बीबी (क्योंकि वह पीछे रह जाने वालो से होगी) |
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3374 | 29 | 34 | إنا منزلون على أهل هذه القرية رجزا من السماء بما كانوا يفسقون |
| | | हम यक़ीनन इसी बस्ती के रहने वालों पर चूँकि ये लोग बदकारियाँ करते रहे एक आसमानी अज़ाब नाज़िल करने वाले हैं |
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3375 | 29 | 35 | ولقد تركنا منها آية بينة لقوم يعقلون |
| | | और हमने यक़ीनी उस (उलटी हुई बस्ती) में से समझदार लोगों के वास्ते (इबरत की) एक वाज़ेए व रौशन निशानी बाक़ी रखी है |
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3376 | 29 | 36 | وإلى مدين أخاهم شعيبا فقال يا قوم اعبدوا الله وارجوا اليوم الآخر ولا تعثوا في الأرض مفسدين |
| | | और (हमने) मदियन के रहने वालों के पास उनके भाई शुएब को पैग़म्बर बनाकर भेजा उन्होंने (अपनी क़ौम से) कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा की इबादत करो और रोज़े आखेरत की उम्मीद रखो और रुए ज़मीन में फ़साद न फैलाते फिरो |
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3377 | 29 | 37 | فكذبوه فأخذتهم الرجفة فأصبحوا في دارهم جاثمين |
| | | तो उन लोगों ने शुऐब को झुठलाया पस ज़लज़ले (भूचाल) ने उन्हें ले डाला- तो वह लोग अपने घरों में औंधे ज़ानू के बल पड़े रह गए |
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