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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3364 | 29 | 24 | فما كان جواب قومه إلا أن قالوا اقتلوه أو حرقوه فأنجاه الله من النار إن في ذلك لآيات لقوم يؤمنون |
| | | फिर उनकी क़ौम के लोगों का उत्तर इसके सिवा और कुछ न था कि उन्होंने कहा, "मार डालो उसे या जला दो उसे!" अंततः अल्लाह ने उसको आग से बचा लिया। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो ईमान लाएँ |
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3365 | 29 | 25 | وقال إنما اتخذتم من دون الله أوثانا مودة بينكم في الحياة الدنيا ثم يوم القيامة يكفر بعضكم ببعض ويلعن بعضكم بعضا ومأواكم النار وما لكم من ناصرين |
| | | और उसने कहा, "अल्लाह से हटकर तुमने कुछ मूर्तियों को केवल सांसारिक जीवन में अपने पारस्परिक प्रेम के कारण पकड़ रखा है। फिर क़ियामत के दिन तुममें से एक-दूसरे का इनकार करेगा और तुममें से एक-दूसरे पर लानत करेगा। तुम्हारा ठौर-ठिकाना आग है और तुम्हारा कोई सहायक न होगा।" |
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3366 | 29 | 26 | فآمن له لوط وقال إني مهاجر إلى ربي إنه هو العزيز الحكيم |
| | | फिर लूत ने उसकी बात मानी औऱ उसने कहा, "निस्संदेह मैं अपने रब की ओर हिजरत करता हूँ। निस्संदेह वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है।" |
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3367 | 29 | 27 | ووهبنا له إسحاق ويعقوب وجعلنا في ذريته النبوة والكتاب وآتيناه أجره في الدنيا وإنه في الآخرة لمن الصالحين |
| | | और हमने उसे इसहाक़ और याक़ूब प्रदान किए और उसकी संतति में नुबूवत (पैग़म्बरी) और किताब का सिलसिला जारी किया और हमने उसे संसार में भी उसका अच्छा प्रतिदान प्रदान किया। और निश्चय ही वह आख़िरत में अच्छे लोगों में से होगा |
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3368 | 29 | 28 | ولوطا إذ قال لقومه إنكم لتأتون الفاحشة ما سبقكم بها من أحد من العالمين |
| | | और हमने लूत को भेजा, जबकि उसने अपनी क़ौम के लोगों से कहा, "तुम जो वह अश्लील कर्म करते हो, जिसे तुमसे पहले सारे संसार में किसी ने नहीं किया |
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3369 | 29 | 29 | أئنكم لتأتون الرجال وتقطعون السبيل وتأتون في ناديكم المنكر فما كان جواب قومه إلا أن قالوا ائتنا بعذاب الله إن كنت من الصادقين |
| | | क्या तुम पुरुषों के पास जाते हो और बटमारी करते हो औऱ अपनी मजलिस में बुरा कर्म करते हो?" फिर उसकी क़ौम के लोगों का उत्तर बस यही था कि उन्होंने कहा, "ले आ हमपर अल्लाह की यातना, यदि तू सच्चा है।" |
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3370 | 29 | 30 | قال رب انصرني على القوم المفسدين |
| | | उसने कहास "ऐ मेरे रब! बिगाड़ पैदा करनेवाले लोगों के मुक़ावले में मेरी सहायता कर।" |
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3371 | 29 | 31 | ولما جاءت رسلنا إبراهيم بالبشرى قالوا إنا مهلكو أهل هذه القرية إن أهلها كانوا ظالمين |
| | | हमारे भेजे हुए जब इबराहीम के पास शुभ सूचना लेकर आए तो उन्होंने कहा, "हम इस बस्ती के लोगों को विनष्ट करनेवाले है। निस्संदेह इस बस्ती के लोग ज़ालिम है।" |
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3372 | 29 | 32 | قال إن فيها لوطا قالوا نحن أعلم بمن فيها لننجينه وأهله إلا امرأته كانت من الغابرين |
| | | उसने कहाँ, "वहाँ तो लूत मौजूद है।" वे बोले, "जो कोई भी वहाँ है, हम भली-भाँति जानते है। हम उसको और उसके घरवालों को बचा लेंगे, सिवाय उसकी स्त्री के। वह पीछे रह जानेवालों में से है।" |
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3373 | 29 | 33 | ولما أن جاءت رسلنا لوطا سيء بهم وضاق بهم ذرعا وقالوا لا تخف ولا تحزن إنا منجوك وأهلك إلا امرأتك كانت من الغابرين |
| | | जब यह हुआ कि हमारे भेजे हुए लूत के पास आए तो उनका आना उसे नागवार हुआ और उनके प्रति दिल को तंग पाया। किन्तु उन्होंने कहा, "डरो मत और न शोकाकुल हो। हम तुम्हें और तुम्हारे घरवालों को बचा लेंगे सिवाय तुम्हारी स्त्री के। वह पीछे रह जानेवालों में से है |
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