بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
33612921يعذب من يشاء ويرحم من يشاء وإليه تقلبون
जिस पर चाहे अज़ाब करे और जिस पर चाहे रहम करे और तुम लोग (सब के सब) उसी की तरफ लौटाए जाओगे
33622922وما أنتم بمعجزين في الأرض ولا في السماء وما لكم من دون الله من ولي ولا نصير
और न तो तुम ज़मीन ही में ख़ुदा को ज़ेर कर सकते हो और न आसमान में और ख़ुदा के सिवा न तो तुम्हारा कोई सरपरस्त है और न मददगार
33632923والذين كفروا بآيات الله ولقائه أولئك يئسوا من رحمتي وأولئك لهم عذاب أليم
और जिन लोगों ने ख़ुदा की आयतों और (क़यामत के दिन) उसके सामने हाज़िर होने से इन्कार किया मेरी रहमत से मायूस हो गए हैं और उन्हीं लोगों के वास्ते दर्दनाक अज़ाब है
33642924فما كان جواب قومه إلا أن قالوا اقتلوه أو حرقوه فأنجاه الله من النار إن في ذلك لآيات لقوم يؤمنون
ग़रज़ इबराहीम की क़ौम के पास (इन बातों का) इसके सिवा कोई जवाब न था कि बाहम कहने लगे इसको मार डालो या जला (कर ख़ाक) कर डालो (आख़िर वह कर गुज़रे) तो ख़ुदा ने उनको आग से बचा लिया इसमें शक नहीं कि दुनियादार लोगों के वास्ते इस वाकिये में (कुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
33652925وقال إنما اتخذتم من دون الله أوثانا مودة بينكم في الحياة الدنيا ثم يوم القيامة يكفر بعضكم ببعض ويلعن بعضكم بعضا ومأواكم النار وما لكم من ناصرين
और इबराहीम ने (अपनी क़ौम से) कहा कि तुम लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर बुतो को सिर्फ दुनिया की ज़िन्दगी में बाहम मोहब्त करने की वजह से (ख़ुदा) बना रखा है फिर क़यामत के दिन तुम में से एक का एक इनकार करेगा और एक दूसरे पर लानत करेगा और (आख़िर) तुम लोगों का ठिकाना जहन्नुम है और (उस वक्त तुम्हारा कोई भी मददगार न होगा)
33662926فآمن له لوط وقال إني مهاجر إلى ربي إنه هو العزيز الحكيم
तब सिर्फ लूत इबराहीम पर ईमान लाए और इबराहीम ने कहा मै तो देस को छोड़कर अपने परवरदिगार की तरफ (जहाँ उसको मंज़ूर हो ) निकल जाऊँगा
33672927ووهبنا له إسحاق ويعقوب وجعلنا في ذريته النبوة والكتاب وآتيناه أجره في الدنيا وإنه في الآخرة لمن الصالحين
इसमे शक नहीं कि वह ग़ालिब (और) हिकमत वाला है और हमने इबराहीम को इसहाक़ (सा बेटा) और याक़ूब (सा पोता) अता किया और उनकी नस्ल में पैग़म्बरी और किताब क़रार दी और हम न इबराहीम को दुनिया में भी अच्छा बदला अता किया और वह तो आख़ेरत में भी यक़ीनी नेको कारों से हैं
33682928ولوطا إذ قال لقومه إنكم لتأتون الفاحشة ما سبقكم بها من أحد من العالمين
(और ऐ रसूल) लूत को (याद करो) जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग अजब बेहयाई का काम करते हो कि तुमसे पहले सारी खुदायी के लोगों में से किसी ने नहीं किया
33692929أئنكم لتأتون الرجال وتقطعون السبيل وتأتون في ناديكم المنكر فما كان جواب قومه إلا أن قالوا ائتنا بعذاب الله إن كنت من الصادقين
तुम लोग (औरतों को छोड़कर कज़ाए शहवत के लिए) मर्दों की तरफ गिरते हो और (मुसाफिरों की) रहजनी करते हो और तुम लोग अपनी महफिलों में बुरी बुरी हरकते करते हो तो (इन सब बातों का) लूत की क़ौम के पास इसके सिवा कोई जवाब न था कि वह लोग कहने लगे कि भला अगर तुम सच्चे हो तो हम पर ख़ुदा का अज़ाब तो ले आओ
33702930قال رب انصرني على القوم المفسدين
तब लूत ने दुआ की कि परवरदिगार इन मुफ़सिद लोगों के मुक़ाबले में मेरी मदद कर


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