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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3342 | 29 | 2 | أحسب الناس أن يتركوا أن يقولوا آمنا وهم لا يفتنون |
| | | क्या लोगों ने ये समझ लिया है कि (सिर्फ) इतना कह देने से कि हम ईमान लाए छोड़ दिए जाएँगे और उनका इम्तेहान न लिया जाएगा |
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3343 | 29 | 3 | ولقد فتنا الذين من قبلهم فليعلمن الله الذين صدقوا وليعلمن الكاذبين |
| | | और हमने तो उन लोगों का भी इम्तिहान लिया जो उनसे पहले गुज़र गए ग़रज़ ख़ुदा उन लोगों को जो सच्चे (दिल से ईमान लाए) हैं यक़ीनन अलहाएदा देखेगा और झूठों को भी (अलहाएदा) ज़रुर देखेगा |
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3344 | 29 | 4 | أم حسب الذين يعملون السيئات أن يسبقونا ساء ما يحكمون |
| | | क्या जो लोग बुरे बुरे काम करते हैं उन्होंने ये समझ लिया है कि वह हमसे (बचकर) निकल जाएँगे (अगर ऐसा है तो) ये लोग क्या ही बुरे हुक्म लगाते हैं |
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3345 | 29 | 5 | من كان يرجو لقاء الله فإن أجل الله لآت وهو السميع العليم |
| | | जो शख्स ख़ुदा से मिलने (क़यामत के आने) की उम्मीद रखता है तो (समझ रखे कि) ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुई) मीयाद ज़रुर आने वाली है और वह (सबकी) सुनता (और) जानता है |
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3346 | 29 | 6 | ومن جاهد فإنما يجاهد لنفسه إن الله لغني عن العالمين |
| | | और जो शख्स (इबादत में) कोशिश करता है तो बस अपने ही वास्ते कोशिश करता है (क्योंकि) इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा सारे जहाँन (की इबादत) से बेनियाज़ है |
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3347 | 29 | 7 | والذين آمنوا وعملوا الصالحات لنكفرن عنهم سيئاتهم ولنجزينهم أحسن الذي كانوا يعملون |
| | | और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए हम यक़ीनन उनके गुनाहों की तरफ से कफ्फारा क़रार देगें और ये (दुनिया में) जो आमाल करते थे हम उनके आमाल की उन्हें अच्छी से अच्छी जज़ा अता करेंगे |
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3348 | 29 | 8 | ووصينا الإنسان بوالديه حسنا وإن جاهداك لتشرك بي ما ليس لك به علم فلا تطعهما إلي مرجعكم فأنبئكم بما كنتم تعملون |
| | | और हमने इन्सान को अपने माँ बाप से अच्छा बरताव करने का हुक्म दिया है और (ये भी कि) अगर तुझे तेरे माँ बाप इस बात पर मजबूर करें कि ऐसी चीज़ को मेरा शरीक बना जिन (के शरीक होने) का मुझे इल्म तक नहीं तो उनका कहना न मानना तुम सबको (आख़िर एक दिन) मेरी तरफ लौट कर आना है मै जो कुछ तुम लोग (दुनिया में) करते थे बता दूँगा |
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3349 | 29 | 9 | والذين آمنوا وعملوا الصالحات لندخلنهم في الصالحين |
| | | और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए हम उन्हें (क़यामत के दिन) ज़रुर नेको कारों में दाख़िल करेंगे |
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3350 | 29 | 10 | ومن الناس من يقول آمنا بالله فإذا أوذي في الله جعل فتنة الناس كعذاب الله ولئن جاء نصر من ربك ليقولن إنا كنا معكم أوليس الله بأعلم بما في صدور العالمين |
| | | और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कह देते हैं कि हम ख़ुदा पर ईमान लाए फिर जब उनको ख़ुदा के बारे में कुछ तकलीफ़ पहुँची तो वह लोगों की तकलीफ़ देही को अज़ाब के बराबर ठहराते हैं और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की मदद आ पहुँची और तुम्हें फतेह हुई तो यही लोग कहने लगते हैं कि हम भी तो तुम्हारे साथ ही साथ थे भला जो कुछ सारे जहाँन के दिलों में है क्या ख़ुदा बख़ूबी वाक़िफ नहीं (ज़रुर है) |
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3351 | 29 | 11 | وليعلمن الله الذين آمنوا وليعلمن المنافقين |
| | | और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया ख़ुदा उनको यक़ीनन जानता है और मुनाफेक़ीन को भी ज़रुर जानता है |
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