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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3297 | 28 | 45 | ولكنا أنشأنا قرونا فتطاول عليهم العمر وما كنت ثاويا في أهل مدين تتلو عليهم آياتنا ولكنا كنا مرسلين |
| | | लेकिन हमने बहुत-सी नस्लें उठाईं और उनपर बहुत समय बीत गया। और न तुम मदयनवालों में रहते थे कि उन्हें हमारी आयतें सुना रहे होते, किन्तु रसूलों को भेजनेवाले हम ही रहे है |
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3298 | 28 | 46 | وما كنت بجانب الطور إذ نادينا ولكن رحمة من ربك لتنذر قوما ما أتاهم من نذير من قبلك لعلهم يتذكرون |
| | | और तुम तूर के अंचल में भी उपस्थित न थे जब हमने पुकारा था, किन्तु यह तुम्हारे रब की दयालुता है - ताकि तुम ऐसे लोगों को सचेत कर दो जिनके पास तुमसे पहले कोई सचेत करनेवाला नहीं आया, ताकि वे ध्यान दें |
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3299 | 28 | 47 | ولولا أن تصيبهم مصيبة بما قدمت أيديهم فيقولوا ربنا لولا أرسلت إلينا رسولا فنتبع آياتك ونكون من المؤمنين |
| | | (हम रसूल बनाकर न भेजते) यदि यह बात न होती कि जो कुछ उनके हाथ आगे भेज चुके है उसके कारण जब उनपर कोई मुसीबत आए तो वे कहने लगें, "ऐ हमारे रब, तूने क्यों न हमारी ओर कोई रसूल भेजा कि हम तेरी आयतों का (अनुसरण) करते और मोमिन होते?" |
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3300 | 28 | 48 | فلما جاءهم الحق من عندنا قالوا لولا أوتي مثل ما أوتي موسى أولم يكفروا بما أوتي موسى من قبل قالوا سحران تظاهرا وقالوا إنا بكل كافرون |
| | | फिर जब उनके पास हमारे यहाँ से सत्य आ गया तो वे कहने लगे कि "जो चीज़ मूसा को मिली थी उसी तरह की चीज़ इसे क्यों न मिली?" क्या वे उसका इनकार नहीं कर चुके है, जो इससे पहले मूसा को प्रदान किया गया था? उन्होंने कहा, "दोनों जादू है जो एक-दूसरे की सहायता करते है।" और कहा, "हम तो हरेक का इनकार करते है।" |
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3301 | 28 | 49 | قل فأتوا بكتاب من عند الله هو أهدى منهما أتبعه إن كنتم صادقين |
| | | कहो, "अच्छा तो लाओ अल्लाह के यहाँ से कोई ऐसी किताब, जो इन दोनों से बढ़कर मार्गदर्शन करनेवाली हो कि मैं उसका अनुसरण करूँ, यदि तुम सच्चे हो?" |
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3302 | 28 | 50 | فإن لم يستجيبوا لك فاعلم أنما يتبعون أهواءهم ومن أضل ممن اتبع هواه بغير هدى من الله إن الله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | अब यदि वे तुम्हारी माँग पूरी न करें तो जान लो कि वे केवल अपनी इच्छाओं के पीछे चलते है। और उस व्यक्ति से बढ़कर भटका हुआ कौन होगा जो अल्लाह की ओर से किसी मार्गदर्शन के बिना अपनी इच्छा पर चले? निश्चय ही अल्लाह ज़ालिम लोगों को मार्ग नहीं दिखाता |
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3303 | 28 | 51 | ولقد وصلنا لهم القول لعلهم يتذكرون |
| | | और हम उनके लिए वाणी बराबर अवतरित करते रहे, शायद वे ध्यान दें |
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3304 | 28 | 52 | الذين آتيناهم الكتاب من قبله هم به يؤمنون |
| | | जिन लोगों को हमने इससे पूर्व किताब दी थी, वे इसपर ईमान लाते है |
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3305 | 28 | 53 | وإذا يتلى عليهم قالوا آمنا به إنه الحق من ربنا إنا كنا من قبله مسلمين |
| | | और जब यह उनको पढ़कर सुनाया जाता है तो वे कहते है, "हम इसपर ईमान लाए। निश्चय ही यह सत्य है हमारे रब की ओर से। हम तो इससे पहले ही से मुस्लिम (आज्ञाकारी) हैं।" |
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3306 | 28 | 54 | أولئك يؤتون أجرهم مرتين بما صبروا ويدرءون بالحسنة السيئة ومما رزقناهم ينفقون |
| | | ये वे लोग है जिन्हें उनका प्रतिदान दुगना दिया जाएगा, क्योंकि वे जमे रहे और भलाई के द्वारा बुराई को दूर करते है और जो कुछ रोज़ी हमने उन्हें दी हैं, उसमें से ख़र्च करते है |
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