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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3291 | 28 | 39 | واستكبر هو وجنوده في الأرض بغير الحق وظنوا أنهم إلينا لا يرجعون |
| | | और फिरऔन और उसके लश्कर ने रुए ज़मीन में नाहक़ सर उठाया था और उन लोगों ने समझ लिया था कि हमारी बारगाह मे वह कभी पलट कर नही आएँगे |
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3292 | 28 | 40 | فأخذناه وجنوده فنبذناهم في اليم فانظر كيف كان عاقبة الظالمين |
| | | तो हमने उसको और उसके लश्कर को ले डाला फिर उन सबको दरिया में डाल दिया तो (ऐ रसूल) ज़रा देखों तो कि ज़ालिमों का कैसा बुरा अन्जाम हुआ |
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3293 | 28 | 41 | وجعلناهم أئمة يدعون إلى النار ويوم القيامة لا ينصرون |
| | | और हमने उनको (गुमराहों का) पेशवा बनाया कि (लोगों को) जहन्नुम की तरफ बुलाते है और क़यामत के दिन (ऐसे बेकस होगें कि) उनको किसी तरह की मदद न दी जाएगी |
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3294 | 28 | 42 | وأتبعناهم في هذه الدنيا لعنة ويوم القيامة هم من المقبوحين |
| | | और हमने दुनिया में भी तो लानत उन के पीछे लगा दी है और क़यामत के दिन उनके चेहरे बिगाड़ दिए जायेंगे |
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3295 | 28 | 43 | ولقد آتينا موسى الكتاب من بعد ما أهلكنا القرون الأولى بصائر للناس وهدى ورحمة لعلهم يتذكرون |
| | | और हमने बहुतेरी अगली उम्मतों को हलाक कर डाला उसके बाद मूसा को किताब (तौरैत) अता की जो लोगों के लिए अजसरतापा बसीरत और हिदायत और रहमत थी ताकि वह लोग इबरत व नसीहत हासिल करें |
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3296 | 28 | 44 | وما كنت بجانب الغربي إذ قضينا إلى موسى الأمر وما كنت من الشاهدين |
| | | और (ऐ रसूल) जिस वक्त हमने मूसा के पास अपना हुक्म भेजा था तो तुम (तूर के) मग़रिबी जानिब मौजूद न थे और न तुम उन वाक्यात को चश्मदीद देखने वालों में से थे |
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3297 | 28 | 45 | ولكنا أنشأنا قرونا فتطاول عليهم العمر وما كنت ثاويا في أهل مدين تتلو عليهم آياتنا ولكنا كنا مرسلين |
| | | मगर हमने (मूसा के बाद) बहुतेरी उम्मतें पैदा की फिर उन पर एक ज़माना दराज़ गुज़र गया और न तुम मदैन के लोगों में रहे थे कि उनके सामने हमारी आयते पढ़ते (और न तुम को उन के हालात मालूम होते) मगर हम तो (तुमको) पैग़म्बर बनाकर भेजने वाले थे |
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3298 | 28 | 46 | وما كنت بجانب الطور إذ نادينا ولكن رحمة من ربك لتنذر قوما ما أتاهم من نذير من قبلك لعلهم يتذكرون |
| | | और न तुम तूर की किसी जानिब उस वक्त मौजूद थे जब हमने (मूसा को) आवाज़ दी थी (ताकि तुम देखते) मगर ये तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी है ताकि तुम उन लोगों को जिनके पास तुमसे पहले कोई डराने वाला आया ही नहीं डराओ ताकि ये लोग नसीहत हासिल करें |
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3299 | 28 | 47 | ولولا أن تصيبهم مصيبة بما قدمت أيديهم فيقولوا ربنا لولا أرسلت إلينا رسولا فنتبع آياتك ونكون من المؤمنين |
| | | और अगर ये नही होता कि जब उन पर उनकी अगली करतूतों की बदौलत कोई मुसीबत पड़ती तो बेसाख्ता कह बैठते कि परवरदिगार तूने हमारे पास कोई पैग़म्बर क्यों न भेजा कि हम तेरे हुक्मों पर चलते और ईमानदारों में होते (तो हम तुमको न भेजते ) |
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3300 | 28 | 48 | فلما جاءهم الحق من عندنا قالوا لولا أوتي مثل ما أوتي موسى أولم يكفروا بما أوتي موسى من قبل قالوا سحران تظاهرا وقالوا إنا بكل كافرون |
| | | मगर फिर जब हमारी बारगाह से (दीन) हक़ उनके पास पहुँचा तो कहने लगे जैसे (मौजिज़े) मूसा को अता हुए थे वैसे ही इस रसूल (मोहम्मद) को क्यों नही दिए गए क्या जो मौजिज़े इससे पहले मूसा को अता हुए थे उनसे इन लोगों ने इन्कार न किया था कुफ्फ़ार तो ये भी कह गुज़रे कि ये दोनों के दोनों (तौरैत व कुरान) जादू हैं कि बाहम एक दूसरे के मददगार हो गए हैं |
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