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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3287 | 28 | 35 | قال سنشد عضدك بأخيك ونجعل لكما سلطانا فلا يصلون إليكما بآياتنا أنتما ومن اتبعكما الغالبون |
| | | कहा, "हम तेरे भाई के द्वारा तेरी भुजा मज़बूत करेंगे, और तुम दोनों को एक ओज प्रदान करेंगे कि वे फिर तुम तक न पहुँच सकेंगे। हमारी निशानियों के कारण तुम दोनों और जो तुम्हारे अनुयायी होंगे वे ही प्रभावी होंगे।" |
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3288 | 28 | 36 | فلما جاءهم موسى بآياتنا بينات قالوا ما هذا إلا سحر مفترى وما سمعنا بهذا في آبائنا الأولين |
| | | फिर जब मूसा उनके पास हमारी खुली-खुली निशानियाँ लेकर आया तो उन्होंने कहा, "यह तो बस घड़ा हुआ जादू है। हमने तो यह बात अपने अगले बाप-दादा में कभी सुनी ही नहीं।" |
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3289 | 28 | 37 | وقال موسى ربي أعلم بمن جاء بالهدى من عنده ومن تكون له عاقبة الدار إنه لا يفلح الظالمون |
| | | मूसा ने कहा, "मेरा रब उस व्यक्ति को भली-भाँति जानता है जो उसके यहाँ से मार्गदर्शन लेकर आया है, और उसको भी जिसके लिए अंतिम घर है। निश्चय ही ज़ालिम सफल नहीं होते।" |
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3290 | 28 | 38 | وقال فرعون يا أيها الملأ ما علمت لكم من إله غيري فأوقد لي يا هامان على الطين فاجعل لي صرحا لعلي أطلع إلى إله موسى وإني لأظنه من الكاذبين |
| | | फ़िरऔन ने कहा, "ऐ दरबारवालो, मैं तो अपने सिवा तुम्हारे किसी प्रभु को नहीं जानता। अच्छा तो ऐ हामान! तू मेरे लिए ईटें आग में पकवा। फिर मेरे लिए एक ऊँचा महल बना कि मैं मूसा के प्रभु को झाँक आऊँ। मैं तो उसे झूठा समझता हूँ।" |
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3291 | 28 | 39 | واستكبر هو وجنوده في الأرض بغير الحق وظنوا أنهم إلينا لا يرجعون |
| | | उसने और उसकी सेनाओं ने धरती में नाहक़ घमंड किया और समझा कि उन्हें हमारी ओर लौटना नहीं है |
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3292 | 28 | 40 | فأخذناه وجنوده فنبذناهم في اليم فانظر كيف كان عاقبة الظالمين |
| | | अन्ततः हमने उसे औऱ उसकी सेनाओं को पकड़ लिया और उन्हें गहरे पानी में फेंक दिया। अब देख लो कि ज़ालिमों का कैसा परिणाम हुआ |
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3293 | 28 | 41 | وجعلناهم أئمة يدعون إلى النار ويوم القيامة لا ينصرون |
| | | और हमने उन्हें आग की ओर बुलानेवाले पेशवा बना दिया और क़ियामत के दिन उन्हें कोई सहायता प्राप्त न होगी |
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3294 | 28 | 42 | وأتبعناهم في هذه الدنيا لعنة ويوم القيامة هم من المقبوحين |
| | | और हमने इस दुनिया में उनके पीछे लानत लगा दी और क़ियामत दिन वही बदहाल होंगे |
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3295 | 28 | 43 | ولقد آتينا موسى الكتاب من بعد ما أهلكنا القرون الأولى بصائر للناس وهدى ورحمة لعلهم يتذكرون |
| | | और अगली नस्लों को विनष्ट कर देने के पश्चात हमने मूसा को किताब प्रदान की, लोगों के लिए अन्तर्दृष्टियों की सामग्री, मार्गदर्शन और दयालुता बनाकर, ताकि वे ध्यान दें |
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3296 | 28 | 44 | وما كنت بجانب الغربي إذ قضينا إلى موسى الأمر وما كنت من الشاهدين |
| | | तुम तो (नगर के) पश्चिमी किनारे पर नहीं थे, जब हमने मूसा को बात की निर्णित सूचना दी थी, और न तुम गवाहों में से थे |
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