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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3279 | 28 | 27 | قال إني أريد أن أنكحك إحدى ابنتي هاتين على أن تأجرني ثماني حجج فإن أتممت عشرا فمن عندك وما أريد أن أشق عليك ستجدني إن شاء الله من الصالحين |
| | | उसने कहा, "मैं चाहता हूँ कि अपनी इन दोनों बेटियों में से एक का विवाह तुम्हारे साथ इस शर्त पर कर दूँ कि तुम आठ वर्ष तक मेरे यहाँ नौकरी करो। और यदि तुम दस वर्ष पूरे कर दो, तो यह तुम्हारी ओर से होगा। मैं तुम्हें कठिनाई में डालना नहीं चाहता। यदि अल्लाह ने चाहा तो तुम मुझे नेक पाओगे।" |
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3280 | 28 | 28 | قال ذلك بيني وبينك أيما الأجلين قضيت فلا عدوان علي والله على ما نقول وكيل |
| | | कहा, "यह मेरे और आपके बीच निश्चय हो चुका। इन दोनों अवधियों में से जो भी मैं पूरी कर दूँ, तो तुझपर कोई ज़्यादती नहीं होगी। और जो कुछ हम कह रहे है, उसके विषय में अल्लाह पर भरोसा काफ़ी है।" |
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3281 | 28 | 29 | فلما قضى موسى الأجل وسار بأهله آنس من جانب الطور نارا قال لأهله امكثوا إني آنست نارا لعلي آتيكم منها بخبر أو جذوة من النار لعلكم تصطلون |
| | | फिर जब मूसा ने अवधि पूरी कर दी और अपने घरवालों को लेकर चला तो तूर की ओर उसने एक आग-सी देखी। उसने अपने घरवालों से कहा, "ठहरो, मैंने एक आग का अवलोकन किया है। कदाचित मैं वहाँ से तुम्हारे पास कोई ख़बर ले आऊँ या उस आग से कोई अंगारा ही, ताकि तुम ताप सको।" |
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3282 | 28 | 30 | فلما أتاها نودي من شاطئ الواد الأيمن في البقعة المباركة من الشجرة أن يا موسى إني أنا الله رب العالمين |
| | | फिर जब वह वहाँ पहुँचा तो दाहिनी घाटी के किनारे से शुभ क्षेत्र में वृक्ष से आवाज़ आई, "ऐ मूसा! मैं ही अल्लाह हूँ, सारे संसार का रब!" |
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3283 | 28 | 31 | وأن ألق عصاك فلما رآها تهتز كأنها جان ولى مدبرا ولم يعقب يا موسى أقبل ولا تخف إنك من الآمنين |
| | | और यह कि "डाल दे अपनी लाठी।" फिर जब उसने देखा कि वह बल खा रही है जैसे कोई साँप हो तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर भी न देखा। "ऐ मूसा! आगे आ और भय न कर। निस्संदेह तेरे लिए कोई भय की बात नहीं |
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3284 | 28 | 32 | اسلك يدك في جيبك تخرج بيضاء من غير سوء واضمم إليك جناحك من الرهب فذانك برهانان من ربك إلى فرعون وملئه إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | अपना हाथ अपने गिरेबान में डाल। बिना किसी ख़राबी के चमकता हुआ निकलेगा। और भय के समय अपनी भुजा को अपने से मिलाए रख। ये दो निशानियाँ है तेरे रब की ओर से फ़िरऔन और उसके दरबारियों के पास लेकर जाने के लिए। निश्चय ही वे बड़े अवज्ञाकारी लोग है।" |
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3285 | 28 | 33 | قال رب إني قتلت منهم نفسا فأخاف أن يقتلون |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मुझसे उनके एक आदमी की जान गई है। इसलिए मैं डरता हूँ कि वे मुझे मार डालेंगे |
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3286 | 28 | 34 | وأخي هارون هو أفصح مني لسانا فأرسله معي ردءا يصدقني إني أخاف أن يكذبون |
| | | मेरे भाई हारून की ज़बान मुझसे बढ़कर धाराप्रवाह है। अतः उसे मेरे साथ सहायक के रूप में भेज कि वह मेरी पुष्टि करे। मुझे भय है कि वे मुझे झुठलाएँगे।" |
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3287 | 28 | 35 | قال سنشد عضدك بأخيك ونجعل لكما سلطانا فلا يصلون إليكما بآياتنا أنتما ومن اتبعكما الغالبون |
| | | कहा, "हम तेरे भाई के द्वारा तेरी भुजा मज़बूत करेंगे, और तुम दोनों को एक ओज प्रदान करेंगे कि वे फिर तुम तक न पहुँच सकेंगे। हमारी निशानियों के कारण तुम दोनों और जो तुम्हारे अनुयायी होंगे वे ही प्रभावी होंगे।" |
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3288 | 28 | 36 | فلما جاءهم موسى بآياتنا بينات قالوا ما هذا إلا سحر مفترى وما سمعنا بهذا في آبائنا الأولين |
| | | फिर जब मूसा उनके पास हमारी खुली-खुली निशानियाँ लेकर आया तो उन्होंने कहा, "यह तो बस घड़ा हुआ जादू है। हमने तो यह बात अपने अगले बाप-दादा में कभी सुनी ही नहीं।" |
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