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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3275 | 28 | 23 | ولما ورد ماء مدين وجد عليه أمة من الناس يسقون ووجد من دونهم امرأتين تذودان قال ما خطبكما قالتا لا نسقي حتى يصدر الرعاء وأبونا شيخ كبير |
| | | और (आठ दिन फाक़ा करते चले) जब शहर मदियन के कुओं पर (जो शहर के बाहर था) पहुँचें तो कुओं पर लोगों की भीड़ देखी कि वह (अपने जानवरों को) पानी पिला रहे हैं और उन सबके पीछे दो औरतो (हज़रत शुएब की बेटियों) को देखा कि वह (अपनी बकरियों को) रोके खड़ी है मूसा ने पूछा कि तुम्हारा क्या मतलब है वह बोली जब तक सब चरवाहे (अपने जानवरों को) ख़ूब छक के पानी पिला कर फिर न जाएँ हम नहीं पिला सकते और हमारे वालिद बहुत बूढे हैं |
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3276 | 28 | 24 | فسقى لهما ثم تولى إلى الظل فقال رب إني لما أنزلت إلي من خير فقير |
| | | तब मूसा ने उन की (बकरियों) के लिए (पानी खीच कर) पिला दिया फिर वहाँ से हट कर छांव में जा बैठे तो (चूँकि बहुत भूक थी) अर्ज क़ी परवरदिगार (उस वक्त) ज़ो नेअमत तू मेरे पास भेज दे मै उसका सख्त हाजत मन्द हूँ |
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3277 | 28 | 25 | فجاءته إحداهما تمشي على استحياء قالت إن أبي يدعوك ليجزيك أجر ما سقيت لنا فلما جاءه وقص عليه القصص قال لا تخف نجوت من القوم الظالمين |
| | | इतने में उन्हीं दो मे से एक औरत शर्मीली चाल से आयी (और मूसा से) कहने लगी-मेरे वालिद तुम को बुलाते हैं ताकि तुमने जो (हमारी बकरियों को) पानी पिला दिया है तुम्हें उसकी मज़दूरी दे ग़रज़ जब मूसा उनके पास आए और उनसे अपने किस्से बयान किए तो उन्होंने कहा अब कुछ अन्देशा न करो तुमने ज़ालिम लोगों के हाथ से नजात पायी |
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3278 | 28 | 26 | قالت إحداهما يا أبت استأجره إن خير من استأجرت القوي الأمين |
| | | (इसी असना में) उन दोनों में से एक लड़की ने कहा ऐ अब्बा इन को नौकर रख लीजिए क्योंकि आप जिसको भी नौकर रखें सब में बेहतर वह है जो मज़बूत और अमानतदार हो |
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3279 | 28 | 27 | قال إني أريد أن أنكحك إحدى ابنتي هاتين على أن تأجرني ثماني حجج فإن أتممت عشرا فمن عندك وما أريد أن أشق عليك ستجدني إن شاء الله من الصالحين |
| | | (और इनमें दोनों बातें पायी जाती हैं तब) शुएब ने कहा मै चाहता हूँ कि अपनी दोनों लड़कियों में से एक के साथ तुम्हारा इस (महर) पर निकाह कर दूँ कि तुम आठ बरस तक मेरी नौकरी करो और अगर तुम दस बरस पूरे कर दो तो तुम्हारा एहसान और मै तुम पर मेहनत मशक्क़त भी डालना नही चाहता और तुम मुझे इन्शा अल्लाह नेको कार आदमी पाओगे |
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3280 | 28 | 28 | قال ذلك بيني وبينك أيما الأجلين قضيت فلا عدوان علي والله على ما نقول وكيل |
| | | मूसा ने कहा ये मेरे और आप के दरमियान (मुहाएदा) है दोनों मुद्दतों मे से मै जो भी पूरी कर दूँ (मुझे एख्तियार है) फिर मुझ पर जब्र और ज्यादती (देने का आपको हक़) नहीं और हम आप जो कुछ कर रहे हैं (उसका) ख़ुदा गवाह है |
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3281 | 28 | 29 | فلما قضى موسى الأجل وسار بأهله آنس من جانب الطور نارا قال لأهله امكثوا إني آنست نارا لعلي آتيكم منها بخبر أو جذوة من النار لعلكم تصطلون |
| | | ग़रज़ मूसा का छोटी लड़की से निकाह हो गया और रहने लगे फिर जब मूसा ने अपनी (दस बरस की) मुद्दत पूरी की और बीवी को लेकर चले तो अंधेरीरात जाड़ों के दिन राह भूल गए और बीबी सफ़ूरा को दर्द ज़ेह शुरु हुआ (इतने में) कोहेतूर की तरफ आग दिखायी दी तो अपने लड़के बालों से कहा तुम लोग ठहरो मैने यक़ीनन आग देखी है (मै वहाँ जाता हूँ) क्या अजब है वहाँ से (रास्ते की) कुछ ख़बर लाऊँ या आग की कोई चिंगारी (लेता आऊँ) ताकि तुम लोग तापो |
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3282 | 28 | 30 | فلما أتاها نودي من شاطئ الواد الأيمن في البقعة المباركة من الشجرة أن يا موسى إني أنا الله رب العالمين |
| | | ग़रज़ जब मूसा आग के पास आए तो मैदान के दाहिने किनारे से इस मुबारक जगह में एक दरख्त से उन्हें आवाज़ आयी कि ऐ मूसा इसमें शक नहीं कि मै ही अल्लाह सारे जहाँ का पालने वाला हूँ |
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3283 | 28 | 31 | وأن ألق عصاك فلما رآها تهتز كأنها جان ولى مدبرا ولم يعقب يا موسى أقبل ولا تخف إنك من الآمنين |
| | | और यह (भी आवाज़ आयी) कि तुम आपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दो फिर जब (डाल दिया तो) देखा कि वह इस तरह बल खा रही है कि गोया वह (ज़िन्दा) अजदहा है तो पीठ फेरके भागे और पीछे मुड़कर भी न देखा (तो हमने फरमाया) ऐ मूसा आगे आओ और डरो नहीं तुम पर हर तरह अमन व अमान में हो |
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3284 | 28 | 32 | اسلك يدك في جيبك تخرج بيضاء من غير سوء واضمم إليك جناحك من الرهب فذانك برهانان من ربك إلى فرعون وملئه إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | (अच्छा और लो) अपना हाथ गरेबान में डालो (और निकाल लो) तो सफेद बुर्राक़ होकर बेऐब निकल आया और ख़ौफ की (वजह) से अपने बाजू अपनी तरफ समेट लो (ताकि ख़ौफ जाता रहे) ग़रज़ ये दोनों (असा व यदे बैज़ा) तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से (तुम्हारी नुबूवत की) दो दलीलें फिरऔन और उसके दरबार के सरदारों के वास्ते हैं और इसमें शक नहीं कि वह बदकार लोग थे |
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