بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
32342775وما من غائبة في السماء والأرض إلا في كتاب مبين
और आसमान व ज़मीन में कोई ऐसी बात पोशीदा नहीं जो वाज़ेए व रौशन किताब (लौहे महफूज़) में (लिखी) मौजूद न हो
32352776إن هذا القرآن يقص على بني إسرائيل أكثر الذي هم فيه يختلفون
इसमें भी शक नहीं कि ये क़ुरान बनी इसराइल पर उनकी अक्सर बातों को जिन में ये इख्तेलाफ़ करते हैं ज़ाहिर कर देता है
32362777وإنه لهدى ورحمة للمؤمنين
और इसमें भी शक नहीं कि ये कुरान ईमानदारों के वास्ते अज़सरतापा हिदायत व रहमत है
32372778إن ربك يقضي بينهم بحكمه وهو العزيز العليم
(ऐ रसूल) बेशक तुम्हारा परवरदिगार अपने हुक्म से उनके आपस (के झगड़ों) का फैसला कर देगा और वह (सब पर) ग़ालिब और वाक़िफकार है
32382779فتوكل على الله إنك على الحق المبين
तो (ऐ रसूल) तुम खुदा पर भरोसा रखो बेशक तुम यक़ीनी सरीही हक़ पर हो
32392780إنك لا تسمع الموتى ولا تسمع الصم الدعاء إذا ولوا مدبرين
बेशक न तो तुम मुर्दों को (अपनी बात) सुना सकते हो और न बहरों को अपनी आवाज़ सुना सकते हो (ख़ासकर) जब वह पीठ फेर कर भाग ख़डें हो
32402781وما أنت بهادي العمي عن ضلالتهم إن تسمع إلا من يؤمن بآياتنا فهم مسلمون
और न तुम अंधें को उनकी गुमराही से राह पर ला सकते हो तुम तो बस उन्हीं लोगों को (अपनी बात) सुना सकते हो जो हमारी आयतों पर ईमान रखते हैं
32412782وإذا وقع القول عليهم أخرجنا لهم دابة من الأرض تكلمهم أن الناس كانوا بآياتنا لا يوقنون
फिर वही लोग तो मानने वाले भी हैं जब उन लोगों पर (क़यामत का) वायदा पूरा होगा तो हम उनके वास्ते ज़मीन से एक चलने वाला निकाल खड़ा करेंगे जो उनसे ये बाते करेंगा कि (फलॉ फला) लोग हमारी आयतो का यक़ीन नहीं रखते थे
32422783ويوم نحشر من كل أمة فوجا ممن يكذب بآياتنا فهم يوزعون
और (उस दिन को याद करो) जिस दिन हम हर उम्मत से एक ऐसे गिरोह को जो हमारी आयतों को झुठलाया करते थे (ज़िन्दा करके) जमा करेंगे फिर उन की टोलियाँ अलहदा अलहदा करेंगे
32432784حتى إذا جاءوا قال أكذبتم بآياتي ولم تحيطوا بها علما أماذا كنتم تعملون
यहाँ तक कि जब वह सब (ख़ुदा के सामने) आएँगें और ख़ुदा उनसे कहेगा क्या तुम ने हमारी आयतों को बगैर अच्छी तरह समझे बूझे झुठलाया-भला तुम क्या क्या करते थे और चूँकि ये लोग ज़ुल्म किया करते थे


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