بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
32322773وإن ربك لذو فضل على الناس ولكن أكثرهم لا يشكرون
निश्चय ही तुम्हारा रब तो लोगों पर उदार अनुग्रह करनेवाला है, किन्तु उनमें से अधिकतर लोग कृतज्ञता नहीं दिखाते
32332774وإن ربك ليعلم ما تكن صدورهم وما يعلنون
निश्चय ही तुम्हारा रह भली-भाँति जानता है, जो कुछ उनके सीने छिपाए हुए है और जो कुछ वे प्रकट करते है।
32342775وما من غائبة في السماء والأرض إلا في كتاب مبين
आकाश और धरती में छिपी कोई भी चीज़ ऐसी नहीं जो एक स्पष्ट किताब में मौजूद न हो
32352776إن هذا القرآن يقص على بني إسرائيل أكثر الذي هم فيه يختلفون
निस्संदेह यह क़ुरआन इसराईल की सन्तान को अधिकतर ऐसी बाते खोलकर सुनाता है जिनके विषय में उनसे मतभेद है
32362777وإنه لهدى ورحمة للمؤمنين
और निस्संदह यह तो ईमानवालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता है
32372778إن ربك يقضي بينهم بحكمه وهو العزيز العليم
निश्चय ही तुम्हारा रब उनके बीच अपने हुक्म से फ़ैसला कर देगा। वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, सर्वज्ञ है
32382779فتوكل على الله إنك على الحق المبين
अतः अल्लाह पर भरोसा रखो। निश्चय ही तुम स्पष्ट सत्य पर हो
32392780إنك لا تسمع الموتى ولا تسمع الصم الدعاء إذا ولوا مدبرين
तुम मुर्दों को नहीं सुना सकते और न बहरों को अपनी पुकार सुना सकते हो, जबकि वे पीठ देकर फिरे भी जा रहें हो।
32402781وما أنت بهادي العمي عن ضلالتهم إن تسمع إلا من يؤمن بآياتنا فهم مسلمون
और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से हटाकर राह पर ला सकते हो। तुम तो बस उन्हीं को सुना सकते हो, जो हमारी आयतों पर ईमान लाना चाहें। अतः वही आज्ञाकारी होते है
32412782وإذا وقع القول عليهم أخرجنا لهم دابة من الأرض تكلمهم أن الناس كانوا بآياتنا لا يوقنون
और जब उनपर बात पूरी हो जाएगी, तो हम उनके लिए धरती का प्राणी सामने लाएँगे जो उनसे बातें करेगा कि "लोग हमारी आयतों पर विश्वास नहीं करते थे"


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