بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
32242765قل لا يعلم من في السماوات والأرض الغيب إلا الله وما يشعرون أيان يبعثون
कहो, "आकाशों और धरती में जो भी है, अल्लाह के सिवा किसी को भी परोक्ष का ज्ञान नहीं है। और न उन्हें इसकी चेतना प्राप्त है कि वे कब उठाए जाएँगे।"
32252766بل ادارك علمهم في الآخرة بل هم في شك منها بل هم منها عمون
बल्कि आख़िरत के विषय में उनका ज्ञान पक्का हो गया है, बल्कि ये उसकी ओर से कुछ संदेह में है, बल्कि वे उससे अंधे है
32262767وقال الذين كفروا أإذا كنا ترابا وآباؤنا أئنا لمخرجون
जिन लोगों ने इनकार किया वे कहते है कि "क्या जब हम मिट्टी हो जाएँगे और हमारे बाप-दादा भी, तो क्या वास्तव में हम (जीवित करके) निकाले जाएँगे?
32272768لقد وعدنا هذا نحن وآباؤنا من قبل إن هذا إلا أساطير الأولين
इसका वादा तो इससे पहले भी किया जा चुका है, हमसे भी और हमारे बाप-दादा से भी। ये तो बस पहले लोगो की कहानियाँ है।"
32282769قل سيروا في الأرض فانظروا كيف كان عاقبة المجرمين
कहो कि "धरती में चलो-फिरो और देखो कि अपराधियों का कैसा परिणाम हुआ।"
32292770ولا تحزن عليهم ولا تكن في ضيق مما يمكرون
उनके प्रति शोकाकुल न हो और न उस चाल से दिल तंग हो, जो वे चल रहे है।
32302771ويقولون متى هذا الوعد إن كنتم صادقين
वे कहते है, "यह वादा कब पूरा होगा, यदि तुम सच्चे हो?"
32312772قل عسى أن يكون ردف لكم بعض الذي تستعجلون
कहो, "जिसकी तुम जल्दी मचा रहे हो बहुत सम्भव है कि उसका कोई हिस्सा तुम्हारे पीछे ही लगा हो।"
32322773وإن ربك لذو فضل على الناس ولكن أكثرهم لا يشكرون
निश्चय ही तुम्हारा रब तो लोगों पर उदार अनुग्रह करनेवाला है, किन्तु उनमें से अधिकतर लोग कृतज्ञता नहीं दिखाते
32332774وإن ربك ليعلم ما تكن صدورهم وما يعلنون
निश्चय ही तुम्हारा रह भली-भाँति जानता है, जो कुछ उनके सीने छिपाए हुए है और जो कुछ वे प्रकट करते है।


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