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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3215 | 27 | 56 | فما كان جواب قومه إلا أن قالوا أخرجوا آل لوط من قريتكم إنهم أناس يتطهرون |
| | | कि वह लोग बोल उठे कि लूत के खानदान को अपनी बस्ती (सदूम) से निकाल बाहर करो ये लोग बड़े पाक साफ बनना चाहते हैं |
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3216 | 27 | 57 | فأنجيناه وأهله إلا امرأته قدرناها من الغابرين |
| | | ग़रज हमने लूत को और उनके ख़ानदान को बचा लिया मगर उनकी बीवी कि हमने उसकी तक़दीर में पीछे रह जाने वालों में लिख दिया था |
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3217 | 27 | 58 | وأمطرنا عليهم مطرا فساء مطر المنذرين |
| | | और (फिर तो) हमने उन लोगों पर (पत्थर का) मेंह बरसाया तो जो लोग डराए जा चुके थे उन पर क्या बुरा मेंह बरसा |
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3218 | 27 | 59 | قل الحمد لله وسلام على عباده الذين اصطفى آلله خير أما يشركون |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो (उनके हलाक़ होने पर) खुदा का शुक्र और उसके बरगुज़ीदा बन्दों पर सलाम भला ख़ुदा बेहतर है या वह चीज़ जिसे ये लोग शरीके ख़ुदा कहते हैं |
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3219 | 27 | 60 | أمن خلق السماوات والأرض وأنزل لكم من السماء ماء فأنبتنا به حدائق ذات بهجة ما كان لكم أن تنبتوا شجرها أإله مع الله بل هم قوم يعدلون |
| | | भला वह कौन है जिसने आसमान और ज़मीन को पैदा किया और तुम्हारे वास्ते आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने पानी से दिल चस्प (ख़ुशनुमा) बाग़ उठाए तुम्हारे तो ये बस की बात न थी कि तुम उनके दरख्तों को उगा सकते तो क्या ख़ुदा के साथ कोई और माबूद भी है (हरगिज़ नहीं) बल्कि ये लोग खुद अपने जी से गढ़ के बुतो को उसके बराबर बनाते हैं |
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3220 | 27 | 61 | أمن جعل الأرض قرارا وجعل خلالها أنهارا وجعل لها رواسي وجعل بين البحرين حاجزا أإله مع الله بل أكثرهم لا يعلمون |
| | | भला वह कौन है जिसने ज़मीन को (लोगों के) ठहरने की जगह बनाया और उसके दरमियान जा बजा नहरें दौड़ायी और उसकी मज़बूती के वास्ते पहाड़ बनाए और (मीठे खारी) दरियाओं के दरमियान हदे फासिल बनाया तो क्या ख़ुदा के साथ कोई और माबूद भी है (हरगिज़ नहीं) बल्कि उनमें के अकसर कुछ जानते ही नहीं |
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3221 | 27 | 62 | أمن يجيب المضطر إذا دعاه ويكشف السوء ويجعلكم خلفاء الأرض أإله مع الله قليلا ما تذكرون |
| | | भला वह कौन है कि जब मुज़तर उसे पुकारे तो दुआ क़ुबूल करता है और मुसीबत को दूर करता है और तुम लोगों को ज़मीन में (अपना) नायब बनाता है तो क्या ख़ुदा के साथ कोई और माबूद है (हरगिज़ नहीं) उस पर भी तुम लोग बहुत कम नसीहत व इबरत हासिल करते हो |
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3222 | 27 | 63 | أمن يهديكم في ظلمات البر والبحر ومن يرسل الرياح بشرا بين يدي رحمته أإله مع الله تعالى الله عما يشركون |
| | | भला वह कौन है जो तुम लोगों की ख़़ुश्की और तरी की तारिक़ियों में राह दिखाता है और कौन उसकी बाराने रहमत के आगे आगे (बारिश की) ख़ुशखबरी लेकर हवाओं को भेजता है-क्या ख़ुदा के साथ कोई और माबूद भी है (हरगिज़ नहीं) ये लोग जिन चीज़ों को ख़ुदा का शरीक ठहराते हैं ख़ुदा उससे बालातर है |
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3223 | 27 | 64 | أمن يبدأ الخلق ثم يعيده ومن يرزقكم من السماء والأرض أإله مع الله قل هاتوا برهانكم إن كنتم صادقين |
| | | भला वह कौन हैं जो ख़िलकत को नए सिरे से पैदा करता है फिर उसे दोबारा (मरने के बाद) पैदा करेगा और कौन है जो तुम लोगों को आसमान व ज़मीन से रिज़क़ देता है- तो क्या ख़ुदा के साथ कोई और माबूद भी है (हरग़िज़ नहीं) (ऐ रसूल) तुम (इन मुशरेकीन से) कहा दो कि अगर तुम सच्चे हो तो अपनी दलील पेश करो |
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3224 | 27 | 65 | قل لا يعلم من في السماوات والأرض الغيب إلا الله وما يشعرون أيان يبعثون |
| | | (ऐ रसूल इन से) कह दो कि जितने लोग आसमान व ज़मीन में हैं उनमे से कोई भी गैब की बात के सिवा नहीं जानता और वह भी तो नहीं समझते कि क़ब्र से दोबारा कब ज़िन्दा उठ खडे क़िए जाएँगें |
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