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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3205 | 27 | 46 | قال يا قوم لم تستعجلون بالسيئة قبل الحسنة لولا تستغفرون الله لعلكم ترحمون |
| | | सालेह ने कहा ऐ मेरी क़ौम (आख़िर) तुम लोग भलाई से पहल बुराई के वास्ते जल्दी क्यों कर रहे हो तुम लोग ख़ुदा की बारगाह में तौबा व अस्तग़फार क्यों नही करते ताकि तुम पर रहम किया जाए |
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3206 | 27 | 47 | قالوا اطيرنا بك وبمن معك قال طائركم عند الله بل أنتم قوم تفتنون |
| | | वह लोग बोले हमने तो तुम से और तुम्हारे साथियों से बुरा शगुन पाया सालेह ने कहा तुम्हारी बदकिस्मती ख़ुदा के पास है (ये सब कुछ नहीं) बल्कि तुम लोगों की आज़माइश की जा रही है |
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3207 | 27 | 48 | وكان في المدينة تسعة رهط يفسدون في الأرض ولا يصلحون |
| | | और शहर में नौ आदमी थे जो मुल्क के बानीये फसाद थे और इसलाह की फिक्र न करते थे-उन लोगों ने (आपस में) कहा कि बाहम ख़ुदा की क़सम खाते जाओ |
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3208 | 27 | 49 | قالوا تقاسموا بالله لنبيتنه وأهله ثم لنقولن لوليه ما شهدنا مهلك أهله وإنا لصادقون |
| | | कि हम लोग सालेह और उसके लड़के बालो पर शब खून करे उसके बाद उसके वाली वारिस से कह देगें कि हम लोग उनके घर वालों को हलाक़ होते वक्त मौजूद ही न थे और हम लोग तो यक़ीनन सच्चे हैं |
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3209 | 27 | 50 | ومكروا مكرا ومكرنا مكرا وهم لا يشعرون |
| | | और उन लोगों ने एक तदबीर की और हमने भी एक तदबीर की और (हमारी तदबीर की) उनको ख़बर भी न हुई |
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3210 | 27 | 51 | فانظر كيف كان عاقبة مكرهم أنا دمرناهم وقومهم أجمعين |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम देखो उनकी तदबीर का क्या (बुरा) अन्जाम हुआ कि हमने उनको और सारी क़ौम को हलाक कर डाला |
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3211 | 27 | 52 | فتلك بيوتهم خاوية بما ظلموا إن في ذلك لآية لقوم يعلمون |
| | | ये बस उनके घर हैं कि उनकी नाफरमानियों की वज़ह से ख़ाली वीरान पड़े हैं इसमे शक नही कि उस वाक़िये में वाक़िफ कार लोगों के लिए बड़ी इबरत है |
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3212 | 27 | 53 | وأنجينا الذين آمنوا وكانوا يتقون |
| | | और हमने उन लोगों को जो ईमान लाए थे और परहेज़गार थे बचा लिया |
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3213 | 27 | 54 | ولوطا إذ قال لقومه أتأتون الفاحشة وأنتم تبصرون |
| | | और (ऐ रसूल) लूत को (याद करो) जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि क्या तुम देखभाल कर (समझ बूझ कर) ऐसी बेहयाई करते हो |
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3214 | 27 | 55 | أئنكم لتأتون الرجال شهوة من دون النساء بل أنتم قوم تجهلون |
| | | क्या तुम औरतों को छोड़कर शहवत से मर्दों के आते हो (ये तुम अच्छा नहीं करते) बल्कि तुम लोग बड़ी जाहिल क़ौम हो तो लूत की क़ौम का इसके सिवा कुछ जवाब न था |
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