بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
32022743وصدها ما كانت تعبد من دون الله إنها كانت من قوم كافرين
और ख़ुदा के सिवा जिसे वह पूजती थी सुलेमान ने उससे उसे रोक दिया क्योंकि वह काफिर क़ौम की थी (और आफताब को पूजती थी)
32032744قيل لها ادخلي الصرح فلما رأته حسبته لجة وكشفت عن ساقيها قال إنه صرح ممرد من قوارير قالت رب إني ظلمت نفسي وأسلمت مع سليمان لله رب العالمين
फिर उससे कहा गया कि आप अब महल मे चलिए तो जब उसने महल (में शीशे के फर्श) को देखा तो उसको गहरा पानी समझी (और गुज़रने के लिए इस तरह अपने पाएचे उठा लिए कि) अपनी दोनों पिन्डलियाँ खोल दी सुलेमान ने कहा (तुम डरो नहीं) ये (पानी नहीं है) महल है जो शीशे से मढ़ा हुआ है (उस वक्त तम्बीह हुई और) अर्ज़ की परवरदिगार मैने (आफताब को पूजा कर) यक़ीनन अपने ऊपर ज़ुल्म किया
32042745ولقد أرسلنا إلى ثمود أخاهم صالحا أن اعبدوا الله فإذا هم فريقان يختصمون
और अब मैं सुलेमान के साथ सारे जहाँ के पालने वाले खुदा पर ईमान लाती हूँ और हम ही ने क़ौम समूद के पास उनके भाई सालेह को पैग़म्बर बनाकर भेजा कि तुम लोग ख़ुदा की इबादत करो तो वह सालेह के आते ही (मोमिन व काफिर) दो फरीक़ बनकर बाहम झगड़ने लगे
32052746قال يا قوم لم تستعجلون بالسيئة قبل الحسنة لولا تستغفرون الله لعلكم ترحمون
सालेह ने कहा ऐ मेरी क़ौम (आख़िर) तुम लोग भलाई से पहल बुराई के वास्ते जल्दी क्यों कर रहे हो तुम लोग ख़ुदा की बारगाह में तौबा व अस्तग़फार क्यों नही करते ताकि तुम पर रहम किया जाए
32062747قالوا اطيرنا بك وبمن معك قال طائركم عند الله بل أنتم قوم تفتنون
वह लोग बोले हमने तो तुम से और तुम्हारे साथियों से बुरा शगुन पाया सालेह ने कहा तुम्हारी बदकिस्मती ख़ुदा के पास है (ये सब कुछ नहीं) बल्कि तुम लोगों की आज़माइश की जा रही है
32072748وكان في المدينة تسعة رهط يفسدون في الأرض ولا يصلحون
और शहर में नौ आदमी थे जो मुल्क के बानीये फसाद थे और इसलाह की फिक्र न करते थे-उन लोगों ने (आपस में) कहा कि बाहम ख़ुदा की क़सम खाते जाओ
32082749قالوا تقاسموا بالله لنبيتنه وأهله ثم لنقولن لوليه ما شهدنا مهلك أهله وإنا لصادقون
कि हम लोग सालेह और उसके लड़के बालो पर शब खून करे उसके बाद उसके वाली वारिस से कह देगें कि हम लोग उनके घर वालों को हलाक़ होते वक्त मौजूद ही न थे और हम लोग तो यक़ीनन सच्चे हैं
32092750ومكروا مكرا ومكرنا مكرا وهم لا يشعرون
और उन लोगों ने एक तदबीर की और हमने भी एक तदबीर की और (हमारी तदबीर की) उनको ख़बर भी न हुई
32102751فانظر كيف كان عاقبة مكرهم أنا دمرناهم وقومهم أجمعين
तो (ऐ रसूल) तुम देखो उनकी तदबीर का क्या (बुरा) अन्जाम हुआ कि हमने उनको और सारी क़ौम को हलाक कर डाला
32112752فتلك بيوتهم خاوية بما ظلموا إن في ذلك لآية لقوم يعلمون
ये बस उनके घर हैं कि उनकी नाफरमानियों की वज़ह से ख़ाली वीरान पड़े हैं इसमे शक नही कि उस वाक़िये में वाक़िफ कार लोगों के लिए बड़ी इबरत है


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