بسم الله الرحمن الرحيم

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31812722فمكث غير بعيد فقال أحطت بما لم تحط به وجئتك من سبإ بنبإ يقين
ग़रज़ सुलेमान ने थोड़ी ही देर (तवक्कुफ़ किया था कि (हुदहुद) आ गया) तो उसने अर्ज़ की मुझे यह बात मालूम हुई है जो अब तक हुज़ूर को भी मालूम नहीं है और आप के पास शहरे सबा से एक तहक़ीकी ख़बर लेकर आया हूँ
31822723إني وجدت امرأة تملكهم وأوتيت من كل شيء ولها عرش عظيم
मैने एक औरत को देखा जो वहाँ के लोगों पर सलतनत करती है और उसे (दुनिया की) हर चीज़ अता की गयी है और उसका एक बड़ा तख्त है
31832724وجدتها وقومها يسجدون للشمس من دون الله وزين لهم الشيطان أعمالهم فصدهم عن السبيل فهم لا يهتدون
मैने खुद मलका को देखा और उसकी क़ौम को देखा कि वह लोग ख़ुदा को छोड़कर आफताब को सजदा करते हैं शैतान ने उनकी करतूतों को (उनकी नज़र में) अच्छा कर दिखाया है और उनको राहे रास्त से रोक रखा है
31842725ألا يسجدوا لله الذي يخرج الخبء في السماوات والأرض ويعلم ما تخفون وما تعلنون
तो उन्हें (इतनी सी बात भी नहीं सूझती) कि वह लोग ख़ुदा ही का सजदा क्यों नहीं करते जो आसमान और ज़मीन की पोशीदा बातों को ज़ाहिर कर देता है और तुम लोग जो कुछ छिपाकर या ज़ाहिर करके करते हो सब जानता है
31852726الله لا إله إلا هو رب العرش العظيم
अल्लाह वह है जिससे सिवा कोई माबूद नहीं वही (इतने) बड़े अर्श का मालिक है (सजदा)
31862727قال سننظر أصدقت أم كنت من الكاذبين
(ग़रज़) सुलेमान ने कहा हम अभी देखते हैं कि तूने सच सच कहा या तू झूठा है
31872728اذهب بكتابي هذا فألقه إليهم ثم تول عنهم فانظر ماذا يرجعون
(अच्छा) हमारा ये ख़त लेकर जा और उसको उन लोगों के सामने डाल दे फिर उन के पास से जाना फिर देखते रहना कि वह लोग अख़िर क्या जवाब देते हैं
31882729قالت يا أيها الملأ إني ألقي إلي كتاب كريم
(ग़रज़) हुद हुद ने मलका के पास ख़त पहुँचा दिया तो मलका बोली ऐ (मेरे दरबार के) सरदारों ये एक वाजिबुल एहतराम ख़त मेरे पास डाल दिया गया है
31892730إنه من سليمان وإنه بسم الله الرحمن الرحيم
सुलेमान की तरफ से है (ये उसका सरनामा) है बिस्मिल्लाहिररहमानिरहीम
31902731ألا تعلوا علي وأتوني مسلمين
(और मज़मून) यह है कि मुझ से सरकशी न करो और मेरे सामने फरमाबरदार बन कर हाज़िर हो


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