نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3178 | 27 | 19 | فتبسم ضاحكا من قولها وقال رب أوزعني أن أشكر نعمتك التي أنعمت علي وعلى والدي وأن أعمل صالحا ترضاه وأدخلني برحمتك في عبادك الصالحين |
| | | तो वह उसकी बात पर प्रसन्न होकर मुस्कराया और कहा, "मेरे रब! मुझे संभाले रख कि मैं तेरी उस कृपा पर कृतज्ञता दिखाता रहूँ जो तूने मुझपर और मेरे माँ-बाप पर की है। और यह कि अच्छा कर्म करूँ जो तुझे पसन्द आए और अपनी दयालुता से मुझे अपने अच्छे बन्दों में दाखिल कर।" |
|
3179 | 27 | 20 | وتفقد الطير فقال ما لي لا أرى الهدهد أم كان من الغائبين |
| | | उसने पक्षियों की जाँच-पड़ताल की तो कहा, "क्या बात है कि मैं हुदहुद को नहीं देख रहा हूँ, (वह यहीं कहीं है) या ग़ायब हो गया है? |
|
3180 | 27 | 21 | لأعذبنه عذابا شديدا أو لأذبحنه أو ليأتيني بسلطان مبين |
| | | मैं उसे कठोर दंड दूँगा या उसे ज़बह ही कर डालूँगा या फिर वह मेरे सामने कोई स्पष्ट॥ कारण प्रस्तुत करे।" |
|
3181 | 27 | 22 | فمكث غير بعيد فقال أحطت بما لم تحط به وجئتك من سبإ بنبإ يقين |
| | | फिर कुछ अधिक देर नहीं ठहरा कि उसने आकर कहा, "मैंने वह जानकारी प्राप्त की है जो आपको मालूम नहीं है। मैं सबा से आपके पास एक विश्वसनीय सूचना लेकर आया हूँ |
|
3182 | 27 | 23 | إني وجدت امرأة تملكهم وأوتيت من كل شيء ولها عرش عظيم |
| | | मैंने एक स्त्री को उनपर शासन करते पाया है। उसे हर चीज़ प्राप्त है औऱ उसका एक बड़ा सिंहासन है |
|
3183 | 27 | 24 | وجدتها وقومها يسجدون للشمس من دون الله وزين لهم الشيطان أعمالهم فصدهم عن السبيل فهم لا يهتدون |
| | | मैंने उसे और उसकी क़ौम के लोगों को अल्लाह से इतर सूर्य को सजदा करते हुए पाया। शैतान ने उनके कर्मों को उनके लिए शोभायमान बना दिया है और उन्हें मार्ग से रोक दिया है - अतः वे सीधा मार्ग नहीं पा रहे है। - |
|
3184 | 27 | 25 | ألا يسجدوا لله الذي يخرج الخبء في السماوات والأرض ويعلم ما تخفون وما تعلنون |
| | | खि अल्लाह को सजदा न करें जो आकाशों और धरती की छिपी चीज़ें निकालता है, और जानता है जो कुछ भी तुम छिपाते हो और जो कुछ प्रकट करते हो |
|
3185 | 27 | 26 | الله لا إله إلا هو رب العرش العظيم |
| | | अल्लाह कि उसके सिवा कोई इष्ट -पूज्य नहीं, वह महान सिंहासन का रब है।" |
|
3186 | 27 | 27 | قال سننظر أصدقت أم كنت من الكاذبين |
| | | उसने कहा, "अभी हम देख लेते है कि तूने सच कहा या तू झूठा है |
|
3187 | 27 | 28 | اذهب بكتابي هذا فألقه إليهم ثم تول عنهم فانظر ماذا يرجعون |
| | | मेरा यह पत्र लेकर जा, और इसे उन लोगों की ओर डाल दे। फिर उनके पास से अलग हटकर देख कि वे क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते है।" |
|