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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3174 | 27 | 15 | ولقد آتينا داوود وسليمان علما وقالا الحمد لله الذي فضلنا على كثير من عباده المؤمنين |
| | | और इसमें शक नहीं कि हमने दाऊद और सुलेमान को इल्म अता किया और दोनों ने (ख़ुश होकर) कहा ख़ुदा का शुक्र जिसने हमको अपने बहुतेरे ईमानदार बन्दों पर फज़ीलत दी |
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3175 | 27 | 16 | وورث سليمان داوود وقال يا أيها الناس علمنا منطق الطير وأوتينا من كل شيء إن هذا لهو الفضل المبين |
| | | और (इल्म हिकमत जाएदाद (मनकूला) गैर मनकूला सब में) सुलेमान दाऊद के वारिस हुए और कहा कि लोग हम को (ख़ुदा के फज़ल से) परिन्दों की बोली भी सिखायी गयी है और हमें (दुनिया की) हर चीज़ अता की गयी है इसमें शक नहीं कि ये यक़ीनी (ख़ुदा का) सरीही फज़ल व करम है |
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3176 | 27 | 17 | وحشر لسليمان جنوده من الجن والإنس والطير فهم يوزعون |
| | | और सुलेमान के सामने उनके लशकर जिन्नात और आदमी और परिन्दे सब जमा किए जाते थे |
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3177 | 27 | 18 | حتى إذا أتوا على واد النمل قالت نملة يا أيها النمل ادخلوا مساكنكم لا يحطمنكم سليمان وجنوده وهم لا يشعرون |
| | | तो वह सबके सब (मसल मसल) खडे क़िए जाते थे (ग़रज़ इस तरह लशकर चलता) यहाँ तक कि जब (एक दिन) चीटीयों के मैदान में आ निकले तो एक चीटीं बोली ऐ चीटीयों अपने अपने बिल में घुस जाओ- ऐसा न हो कि सुलेमान और उनका लश्कर तुम्हे रौन्द डाले और उन्हें उसकी ख़बर भी न हो |
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3178 | 27 | 19 | فتبسم ضاحكا من قولها وقال رب أوزعني أن أشكر نعمتك التي أنعمت علي وعلى والدي وأن أعمل صالحا ترضاه وأدخلني برحمتك في عبادك الصالحين |
| | | तो सुलेमान इस बात से मुस्कुरा के हँस पड़ें और अर्ज क़ी परवरदिगार मुझे तौफीक़ अता फरमा कि जैसी जैसी नेअमतें तूने मुझ पर और मेरे वालदैन पर नाज़िल फरमाई हैं मै (उनका) शुक्रिया अदा करुँ और मैं ऐसे नेक काम करुँ जिसे तू पसन्द फरमाए और तू अपनी ख़ास मेहरबानी से मुझे (अपने) नेकोकार बन्दों में दाखिल कर |
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3179 | 27 | 20 | وتفقد الطير فقال ما لي لا أرى الهدهد أم كان من الغائبين |
| | | और सुलेमान ने परिन्दों (के लश्कर) की हाज़िरी ली तो कहने लगे कि क्या बात है कि मै हुदहुद को (उसकी जगह पर) नहीं देखता क्या (वाक़ई में) वह कही ग़ायब है |
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3180 | 27 | 21 | لأعذبنه عذابا شديدا أو لأذبحنه أو ليأتيني بسلطان مبين |
| | | (अगर ऐसा है तो) मै उसे सख्त से सख्त सज़ा दूँगा या (नहीं तो ) उसे ज़बाह ही कर डालूँगा या वह (अपनी बेगुनाही की) कोई साफ दलील मेरे पास पेश करे |
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3181 | 27 | 22 | فمكث غير بعيد فقال أحطت بما لم تحط به وجئتك من سبإ بنبإ يقين |
| | | ग़रज़ सुलेमान ने थोड़ी ही देर (तवक्कुफ़ किया था कि (हुदहुद) आ गया) तो उसने अर्ज़ की मुझे यह बात मालूम हुई है जो अब तक हुज़ूर को भी मालूम नहीं है और आप के पास शहरे सबा से एक तहक़ीकी ख़बर लेकर आया हूँ |
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3182 | 27 | 23 | إني وجدت امرأة تملكهم وأوتيت من كل شيء ولها عرش عظيم |
| | | मैने एक औरत को देखा जो वहाँ के लोगों पर सलतनत करती है और उसे (दुनिया की) हर चीज़ अता की गयी है और उसका एक बड़ा तख्त है |
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3183 | 27 | 24 | وجدتها وقومها يسجدون للشمس من دون الله وزين لهم الشيطان أعمالهم فصدهم عن السبيل فهم لا يهتدون |
| | | मैने खुद मलका को देखा और उसकी क़ौम को देखा कि वह लोग ख़ुदा को छोड़कर आफताब को सजदा करते हैं शैतान ने उनकी करतूतों को (उनकी नज़र में) अच्छा कर दिखाया है और उनको राहे रास्त से रोक रखा है |
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