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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3166 | 27 | 7 | إذ قال موسى لأهله إني آنست نارا سآتيكم منها بخبر أو آتيكم بشهاب قبس لعلكم تصطلون |
| | | (वह वाक़िया याद दिलाओ) जब मूसा ने अपने लड़के बालों से कहा कि मैने (अपनी बायीं तरफ) आग देखी है (एक ज़रा ठहरो तो) मै वहाँ से कुछ (राह की) ख़बर लाँऊ या तुम्हें एक सुलगता हुआ आग का अंगारा ला दूँ ताकि तुम तापो |
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3167 | 27 | 8 | فلما جاءها نودي أن بورك من في النار ومن حولها وسبحان الله رب العالمين |
| | | ग़रज़ जब मूसा इस आग के पास आए तो उनको आवाज़ आयी कि मुबारक है वह जो आग में (तजल्ली दिखाना) है और जो उसके गिर्द है और वह ख़ुदा सारे जहाँ का पालने वाला है |
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3168 | 27 | 9 | يا موسى إنه أنا الله العزيز الحكيم |
| | | (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है- ऐ मूसा इसमें शक नहीं कि मै ज़बरदस्त हिकमत वाला हूँ |
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3169 | 27 | 10 | وألق عصاك فلما رآها تهتز كأنها جان ولى مدبرا ولم يعقب يا موسى لا تخف إني لا يخاف لدي المرسلون |
| | | और (हाँ) अपनी छड़ी तो (ज़मीन पर) डाल दो तो जब मूसा ने उसको देखा कि वह इस तरह लहरा रही है गोया वह जिन्दा अज़दहा है तो पिछले पावँ भाग चले और पीछे मुड़कर भी न देखा (तो हमने कहा) ऐ मूसा डरो नहीं हमारे पास पैग़म्बर लोग डरा नहीं करते हैं |
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3170 | 27 | 11 | إلا من ظلم ثم بدل حسنا بعد سوء فإني غفور رحيم |
| | | (मुतमइन हो जाते है) मगर जो शख्स गुनाह करे फिर गुनाह के बाद उसे नेकी (तौबा) से बदल दे तो अलबत्ता बड़ा बख्शने वाला मेहरबान हूँ |
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3171 | 27 | 12 | وأدخل يدك في جيبك تخرج بيضاء من غير سوء في تسع آيات إلى فرعون وقومه إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | (वहाँ) और अपना हाथ अपने गरेबॉ में तो डालो कि वह सफेद बुर्राक़ होकर बेऐब निकल आएगा (ये वह मौजिज़े) मिन जुमला नौ मोजिज़ात के हैं जो तुमको मिलेगें तुम फिरऔन और उसकी क़ौम के पास (जाओ) क्योंकि वह बदकिरदार लोग हैं |
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3172 | 27 | 13 | فلما جاءتهم آياتنا مبصرة قالوا هذا سحر مبين |
| | | तो जब उनके पास हमारे ऑंखें खोल देने वाले मैजिज़े आए तो कहने लगे ये तो खुला हुआ जादू है |
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3173 | 27 | 14 | وجحدوا بها واستيقنتها أنفسهم ظلما وعلوا فانظر كيف كان عاقبة المفسدين |
| | | और बावजूद के उनके दिल को उन मौजिज़ात का यक़ीन था मगर फिर भी उन लोगों ने सरकशी और तकब्बुर से उनको न माना तो (ऐ रसूल) देखो कि (आखिर) मुफसिदों का अन्जाम क्या होगा |
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3174 | 27 | 15 | ولقد آتينا داوود وسليمان علما وقالا الحمد لله الذي فضلنا على كثير من عباده المؤمنين |
| | | और इसमें शक नहीं कि हमने दाऊद और सुलेमान को इल्म अता किया और दोनों ने (ख़ुश होकर) कहा ख़ुदा का शुक्र जिसने हमको अपने बहुतेरे ईमानदार बन्दों पर फज़ीलत दी |
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3175 | 27 | 16 | وورث سليمان داوود وقال يا أيها الناس علمنا منطق الطير وأوتينا من كل شيء إن هذا لهو الفضل المبين |
| | | और (इल्म हिकमत जाएदाद (मनकूला) गैर मनकूला सब में) सुलेमान दाऊद के वारिस हुए और कहा कि लोग हम को (ख़ुदा के फज़ल से) परिन्दों की बोली भी सिखायी गयी है और हमें (दुनिया की) हर चीज़ अता की गयी है इसमें शक नहीं कि ये यक़ीनी (ख़ुदा का) सरीही फज़ल व करम है |
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