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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3164 | 27 | 5 | أولئك الذين لهم سوء العذاب وهم في الآخرة هم الأخسرون |
| | | वही लोग है, जिनके लिए बुरी यातना है और वही है जो आख़िरत में अत्यन्त घाटे में रहेंगे |
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3165 | 27 | 6 | وإنك لتلقى القرآن من لدن حكيم عليم |
| | | निश्चय ही तुम यह क़ुरआन एक बड़े तत्वदर्शी, ज्ञानवान (प्रभु) की ओर से पा रहे हो |
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3166 | 27 | 7 | إذ قال موسى لأهله إني آنست نارا سآتيكم منها بخبر أو آتيكم بشهاب قبس لعلكم تصطلون |
| | | याद करो जब मूसा ने अपने घरवालों से कहा कि "मैंने एक आग-सी देखी है। मैं अभी वहाँ से तुम्हारे पास कोई ख़बर लेकर आता हूँ या तुम्हारे पास कोई दहकता अंगार लाता हूँ, ताकि तुम तापो।" |
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3167 | 27 | 8 | فلما جاءها نودي أن بورك من في النار ومن حولها وسبحان الله رب العالمين |
| | | फिर जब वह उसके पास पहुँचा तो उसे आवाज़ आई कि "मुबारक है वह जो इस आग में है और जो इसके आस-पास है। महान और उच्च है अल्लाह, सारे संसार का रब! |
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3168 | 27 | 9 | يا موسى إنه أنا الله العزيز الحكيم |
| | | ऐ मूसा! वह तो मैं अल्लाह हूँ, अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी! |
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3169 | 27 | 10 | وألق عصاك فلما رآها تهتز كأنها جان ولى مدبرا ولم يعقب يا موسى لا تخف إني لا يخاف لدي المرسلون |
| | | तू अपनी लाठी डाल दे।" जब मूसा ने देखा कि वह बल खा रहा है जैसे वह कोई साँप हो, तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर न देखा। "ऐ मूसा! डर मत। निस्संदेह रसूल मेरे पास डरा नहीं करते, |
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3170 | 27 | 11 | إلا من ظلم ثم بدل حسنا بعد سوء فإني غفور رحيم |
| | | सिवाय उसके जिसने कोई ज़्यादती की हो। फिर बुराई के पश्चात उसे भलाई से बदल दिया, तो मैं भी बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान हूँ |
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3171 | 27 | 12 | وأدخل يدك في جيبك تخرج بيضاء من غير سوء في تسع آيات إلى فرعون وقومه إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | अपना हाथ गिरेबान में डाल। वह बिना किसी ख़राबी के उज्जवल चमकता निकलेगा। ये नौ निशानियों में से है फ़िरऔन और उसकी क़ौम की ओर भेजने के लिए। निश्चय ही वे अवज्ञाकारी लोग है।" |
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3172 | 27 | 13 | فلما جاءتهم آياتنا مبصرة قالوا هذا سحر مبين |
| | | किन्तु जब आँखें खोल देनेवाली हमारी निशानियाँ उनके पास आई तो उन्होंने कहा, "यह तो खुला हुआ जादू है।" |
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3173 | 27 | 14 | وجحدوا بها واستيقنتها أنفسهم ظلما وعلوا فانظر كيف كان عاقبة المفسدين |
| | | उन्होंने ज़ुल्म और सरकशी से उनका इनकार कर दिया, हालाँकि उनके जी को उनका विश्वास हो चुका था। अब देख लो इन बिगाड़ पैदा करनेवालों का क्या परिणाम हुआ? |
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