نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3144 | 26 | 212 | إنهم عن السمع لمعزولون |
| | | बल्कि वह तो (वही के) सुनने से महरुम हैं |
|
3145 | 26 | 213 | فلا تدع مع الله إلها آخر فتكون من المعذبين |
| | | (ऐ रसूल) तुम ख़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे |
|
3146 | 26 | 214 | وأنذر عشيرتك الأقربين |
| | | और (ऐ रसूल) तुम अपने क़रीबी रिश्तेदारों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराओ |
|
3147 | 26 | 215 | واخفض جناحك لمن اتبعك من المؤمنين |
| | | और जो मोमिनीन तुम्हारे पैरो हो गए हैं उनके सामने अपना बाजू झुकाओ |
|
3148 | 26 | 216 | فإن عصوك فقل إني بريء مما تعملون |
| | | (तो वाज़ेए करो) पस अगर लोग तुम्हारी नाफ़रमानी करें तो तुम (साफ साफ) कह दो कि मैं तुम्हारे करतूतों से बरी उज़ ज़िम्मा हूँ |
|
3149 | 26 | 217 | وتوكل على العزيز الرحيم |
| | | और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है |
|
3150 | 26 | 218 | الذي يراك حين تقوم |
| | | भरोसा रखो कि जब तुम (नमाजे तहज्जुद में) खड़े होते हो |
|
3151 | 26 | 219 | وتقلبك في الساجدين |
| | | और सजदा |
|
3152 | 26 | 220 | إنه هو السميع العليم |
| | | करने वालों (की जमाअत) में तुम्हारा फिरना (उठना बैठना सजदा रुकूउ वगैरह सब) देखता है |
|
3153 | 26 | 221 | هل أنبئكم على من تنزل الشياطين |
| | | बेशक वह बड़ा सुनने वाला वाक़िफ़कार है क्या मै तुम्हें बता दूँ कि शयातीन किन लोगों पर नाज़िल हुआ करते हैं |
|