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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3132 | 26 | 200 | كذلك سلكناه في قلوب المجرمين |
| | | इसी प्रकार हमने इसे अपराधियों के दिलों में पैठाया है |
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3133 | 26 | 201 | لا يؤمنون به حتى يروا العذاب الأليم |
| | | वे इसपर ईमान लाने को नहीं, जब तक कि दुखद यातना न देख लें |
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3134 | 26 | 202 | فيأتيهم بغتة وهم لا يشعرون |
| | | फिर जब वह अचानक उनपर आ जाएगी और उन्हें ख़बर भी न होगी, |
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3135 | 26 | 203 | فيقولوا هل نحن منظرون |
| | | तब वे कहेंगे, "क्या हमें कुछ मुहलत मिल सकती है?" |
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3136 | 26 | 204 | أفبعذابنا يستعجلون |
| | | तो क्या वे लोग हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे है? |
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3137 | 26 | 205 | أفرأيت إن متعناهم سنين |
| | | क्या तुमने कुछ विचार किया? यदि हम उन्हें कुछ वर्षों तक सुख भोगने दें; |
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3138 | 26 | 206 | ثم جاءهم ما كانوا يوعدون |
| | | फिर उनपर वह चीज़ आ जाए, जिससे उन्हें डराया जाता रहा है; |
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3139 | 26 | 207 | ما أغنى عنهم ما كانوا يمتعون |
| | | तो जो सुख उन्हें मिला होगा वह उनके कुछ काम न आएगा |
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3140 | 26 | 208 | وما أهلكنا من قرية إلا لها منذرون |
| | | हमने किसी बस्ती को भी इसके बिना विनष्ट नहीं किया कि उसके लिए सचेत करनेवाले याददिहानी के लिए मौजूद रहे हैं। |
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3141 | 26 | 209 | ذكرى وما كنا ظالمين |
| | | हम कोई ज़ालिम नहीं है |
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