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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3128 | 26 | 196 | وإنه لفي زبر الأولين |
| | | और निस्संदेह यह पिछले लोगों की किताबों में भी मौजूद है |
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3129 | 26 | 197 | أولم يكن لهم آية أن يعلمه علماء بني إسرائيل |
| | | क्या यह उनके लिए कोई निशानी नहीं है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान जानते है? |
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3130 | 26 | 198 | ولو نزلناه على بعض الأعجمين |
| | | यदि हम इसे ग़ैर अरबी भाषी पर भी उतारते, |
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3131 | 26 | 199 | فقرأه عليهم ما كانوا به مؤمنين |
| | | और वह इसे उन्हें पढ़कर सुनाता तब भी वे इसे माननेवाले न होते |
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3132 | 26 | 200 | كذلك سلكناه في قلوب المجرمين |
| | | इसी प्रकार हमने इसे अपराधियों के दिलों में पैठाया है |
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3133 | 26 | 201 | لا يؤمنون به حتى يروا العذاب الأليم |
| | | वे इसपर ईमान लाने को नहीं, जब तक कि दुखद यातना न देख लें |
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3134 | 26 | 202 | فيأتيهم بغتة وهم لا يشعرون |
| | | फिर जब वह अचानक उनपर आ जाएगी और उन्हें ख़बर भी न होगी, |
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3135 | 26 | 203 | فيقولوا هل نحن منظرون |
| | | तब वे कहेंगे, "क्या हमें कुछ मुहलत मिल सकती है?" |
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3136 | 26 | 204 | أفبعذابنا يستعجلون |
| | | तो क्या वे लोग हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे है? |
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3137 | 26 | 205 | أفرأيت إن متعناهم سنين |
| | | क्या तुमने कुछ विचार किया? यदि हम उन्हें कुछ वर्षों तक सुख भोगने दें; |
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