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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3087 | 26 | 155 | قال هذه ناقة لها شرب ولكم شرب يوم معلوم |
| | | सालेह ने कहा- यही ऊँटनी (मौजिज़ा) है एक बारी इसके पानी पीने की है और एक मुक़र्रर दिन तुम्हारे पीने का |
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3088 | 26 | 156 | ولا تمسوها بسوء فيأخذكم عذاب يوم عظيم |
| | | और इसको कोई तकलीफ़ न पहुँचाना वरना एक बड़े (सख्त) ज़ोर का अज़ाब तुम्हे ले डालेगा |
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3089 | 26 | 157 | فعقروها فأصبحوا نادمين |
| | | इस पर भी उन लोगों ने उसके पाँव काट डाले और (उसको मार डाला) फिर ख़़ुद पशेमान हुए |
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3090 | 26 | 158 | فأخذهم العذاب إن في ذلك لآية وما كان أكثرهم مؤمنين |
| | | फिर उन्हें अज़ाब ने ले डाला-बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और इनमें के बहुतेरे ईमान लाने वाले भी न थे |
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3091 | 26 | 159 | وإن ربك لهو العزيز الرحيم |
| | | और इसमें शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब और मेहरबान है |
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3092 | 26 | 160 | كذبت قوم لوط المرسلين |
| | | इसी तरह लूत की क़ौम ने पैग़म्बरों को झुठलाया |
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3093 | 26 | 161 | إذ قال لهم أخوهم لوط ألا تتقون |
| | | जब उनके भाई लूत ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते |
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3094 | 26 | 162 | إني لكم رسول أمين |
| | | मै तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ तो ख़ुदा से डरो |
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3095 | 26 | 163 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | और मेरी इताअत करो |
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3096 | 26 | 164 | وما أسألكم عليه من أجر إن أجري إلا على رب العالمين |
| | | और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है |
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