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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3079 | 26 | 147 | في جنات وعيون |
| | | बाग़ों और स्रोतों |
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3080 | 26 | 148 | وزروع ونخل طلعها هضيم |
| | | और खेतों और उन खजूरों में जिनके गुच्छे तरो ताज़ा और गुँथे हुए है? |
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3081 | 26 | 149 | وتنحتون من الجبال بيوتا فارهين |
| | | तुम पहाड़ों को काट-काटकर इतराते हुए घर बनाते हो? |
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3082 | 26 | 150 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो |
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3083 | 26 | 151 | ولا تطيعوا أمر المسرفين |
| | | और उन हद से गुज़र जानेवालों की आज्ञा का पालन न करो, |
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3084 | 26 | 152 | الذين يفسدون في الأرض ولا يصلحون |
| | | जो धरती में बिगाड़ पैदा करते है, और सुधार का काम नहीं करते।" |
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3085 | 26 | 153 | قالوا إنما أنت من المسحرين |
| | | उन्होंने कहा, "तू तो बस जादू का मारा हुआ है। |
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3086 | 26 | 154 | ما أنت إلا بشر مثلنا فأت بآية إن كنت من الصادقين |
| | | तू बस हमारे ही जैसा एक आदमी है। यदि तू सच्चा है, तो कोई निशानी ले आ।" |
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3087 | 26 | 155 | قال هذه ناقة لها شرب ولكم شرب يوم معلوم |
| | | उसने कहा, "यह ऊँटनी है। एक दिन पानी पीने की बारी इसकी है और एक नियत दिन की बारी पानी लेने की तुम्हारी है |
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3088 | 26 | 156 | ولا تمسوها بسوء فيأخذكم عذاب يوم عظيم |
| | | तकलीफ़ पहुँचाने के लिए इसे हाथ न लगाना, अन्यथा एक बड़े दिन की यातना तुम्हें आ लेगी।" |
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