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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3075 | 26 | 143 | إني لكم رسول أمين |
| | | निस्संदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ |
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3076 | 26 | 144 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | अतः तुम अल्लाह का डर रखो और मेरी बात मानो |
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3077 | 26 | 145 | وما أسألكم عليه من أجر إن أجري إلا على رب العالمين |
| | | मैं इस काम पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता। मेरा बदला तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है |
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3078 | 26 | 146 | أتتركون في ما هاهنا آمنين |
| | | क्या तुम यहाँ जो कुछ है उसके बीच, निश्चिन्त छोड़ दिए जाओगे, |
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3079 | 26 | 147 | في جنات وعيون |
| | | बाग़ों और स्रोतों |
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3080 | 26 | 148 | وزروع ونخل طلعها هضيم |
| | | और खेतों और उन खजूरों में जिनके गुच्छे तरो ताज़ा और गुँथे हुए है? |
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3081 | 26 | 149 | وتنحتون من الجبال بيوتا فارهين |
| | | तुम पहाड़ों को काट-काटकर इतराते हुए घर बनाते हो? |
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3082 | 26 | 150 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो |
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3083 | 26 | 151 | ولا تطيعوا أمر المسرفين |
| | | और उन हद से गुज़र जानेवालों की आज्ञा का पालन न करो, |
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3084 | 26 | 152 | الذين يفسدون في الأرض ولا يصلحون |
| | | जो धरती में बिगाड़ पैदा करते है, और सुधार का काम नहीं करते।" |
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