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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3074 | 26 | 142 | إذ قال لهم أخوهم صالح ألا تتقون |
| | | जब उनके भाई सालेह ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यो नहीं डरते |
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3075 | 26 | 143 | إني لكم رسول أمين |
| | | मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ |
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3076 | 26 | 144 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | तो खुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
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3077 | 26 | 145 | وما أسألكم عليه من أجر إن أجري إلا على رب العالمين |
| | | और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता- मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा पर है) |
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3078 | 26 | 146 | أتتركون في ما هاهنا آمنين |
| | | क्या जो चीजें यहाँ (दुनिया में) मौजूद है |
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3079 | 26 | 147 | في جنات وعيون |
| | | बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है |
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3080 | 26 | 148 | وزروع ونخل طلعها هضيم |
| | | उन्हीं मे तुम लोग इतमिनान से (हमेशा के लिए) छोड़ दिए जाओगे |
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3081 | 26 | 149 | وتنحتون من الجبال بيوتا فارهين |
| | | और (इस वजह से) पूरी महारत और तकलीफ के साथ पहाड़ों को काट काट कर घर बनाते हो |
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3082 | 26 | 150 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
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3083 | 26 | 151 | ولا تطيعوا أمر المسرفين |
| | | और ज्यादती करने वालों का कहा न मानों |
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