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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3057 | 26 | 125 | إني لكم رسول أمين |
| | | मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ |
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3058 | 26 | 126 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
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3059 | 26 | 127 | وما أسألكم عليه من أجر إن أجري إلا على رب العالمين |
| | | मै तो तुम से इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी उजरत तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है |
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3060 | 26 | 128 | أتبنون بكل ريع آية تعبثون |
| | | तो क्या तुम ऊँची जगह पर बेकार यादगारे बनाते फिरते हो |
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3061 | 26 | 129 | وتتخذون مصانع لعلكم تخلدون |
| | | और बड़े बड़े महल तामीर करते हो गोया तुम हमेशा (यहीं) रहोगे |
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3062 | 26 | 130 | وإذا بطشتم بطشتم جبارين |
| | | और जब तुम (किसी पर) हाथ डालते हो तो सरकशी से हाथ डालते हो |
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3063 | 26 | 131 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | तो तुम ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
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3064 | 26 | 132 | واتقوا الذي أمدكم بما تعلمون |
| | | और उस शख्स से डरो जिसने तुम्हारी उन चीज़ों से मदद की जिन्हें तुम खूब जानते हो |
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3065 | 26 | 133 | أمدكم بأنعام وبنين |
| | | अच्छा सुनो उसने तुम्हारे चार पायों और लड़के बालों वग़ैरह और चश्मों से मदद की |
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3066 | 26 | 134 | وجنات وعيون |
| | | मै तो यक़ीनन तुम पर |
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