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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2986 | 26 | 54 | إن هؤلاء لشرذمة قليلون |
| | | कि "यह गिरे-पड़े थोड़े लोगों का एक गिरोह है, |
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2987 | 26 | 55 | وإنهم لنا لغائظون |
| | | और ये हमें क्रुद्ध कर रहे है। |
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2988 | 26 | 56 | وإنا لجميع حاذرون |
| | | और हम चौकन्ना रहनेवाले लोग है।" |
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2989 | 26 | 57 | فأخرجناهم من جنات وعيون |
| | | इस प्रकार हम उन्हें बाग़ों और स्रोतों |
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2990 | 26 | 58 | وكنوز ومقام كريم |
| | | और ख़जानों और अच्छे स्थान से निकाल लाए |
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2991 | 26 | 59 | كذلك وأورثناها بني إسرائيل |
| | | ऐसा ही हम करते है और इनका वारिस हमने इसराईल की सन्तान को बना दिया |
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2992 | 26 | 60 | فأتبعوهم مشرقين |
| | | सुबह-तड़के उन्होंने उनका पीछा किया |
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2993 | 26 | 61 | فلما تراءى الجمعان قال أصحاب موسى إنا لمدركون |
| | | फिर जब दोनों गिरोहों ने एक-दूसरे को देख लिया तो मूसा के साथियों ने कहा, "हम तो पकड़े गए!" |
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2994 | 26 | 62 | قال كلا إن معي ربي سيهدين |
| | | उसने कहा, "कदापि नहीं, मेरे साथ मेरा रब है। वह अवश्य मेरा मार्गदर्शन करेगा।" |
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2995 | 26 | 63 | فأوحينا إلى موسى أن اضرب بعصاك البحر فانفلق فكان كل فرق كالطود العظيم |
| | | तब हमने मूसा की ओर प्रकाशना की, "अपनी लाठी सागर पर मार।" |
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