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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
297 | 3 | 4 | من قبل هدى للناس وأنزل الفرقان إن الذين كفروا بآيات الله لهم عذاب شديد والله عزيز ذو انتقام |
| | | इससे पहले लोगों के मार्गदर्शन के लिए और उसने कसौटी भी उतारी। निस्संदेह जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों का इनकार किया उनके लिए कठोर यातना हैं और अल्लाह प्रभुत्वशाली भी हैं और (बुराई का) बदला लेनेवाला भी |
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298 | 3 | 5 | إن الله لا يخفى عليه شيء في الأرض ولا في السماء |
| | | निस्संदेह अल्लाह से कोई चीज़ न धरती में छिपी हैं और न आकाश में |
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299 | 3 | 6 | هو الذي يصوركم في الأرحام كيف يشاء لا إله إلا هو العزيز الحكيم |
| | | वही हैं जो गर्भाशयों में, जैसा चाहता हैं, तुम्हारा रूप देता हैं। उस प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी के अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं |
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300 | 3 | 7 | هو الذي أنزل عليك الكتاب منه آيات محكمات هن أم الكتاب وأخر متشابهات فأما الذين في قلوبهم زيغ فيتبعون ما تشابه منه ابتغاء الفتنة وابتغاء تأويله وما يعلم تأويله إلا الله والراسخون في العلم يقولون آمنا به كل من عند ربنا وما يذكر إلا أولو الألباب |
| | | वही हैं जिसने तुमपर अपनी ओर से किताब उतारी, वे सुदृढ़ आयतें हैं जो किताब का मूल और सारगर्भित रूप हैं और दूसरी उपलक्षित, तो जिन लोगों के दिलों में टेढ़ हैं वे फ़ितना (गुमराही) का तलाश और उसके आशय और परिणाम की चाह में उसका अनुसरण करते हैं जो उपलक्षित हैं। जबकि उनका परिणाम बस अल्लाह ही जानता हैं, और वे जो ज्ञान में पक्के हैं, वे कहते हैं, "हम उसपर ईमान लाए, जो हर एक हमारे रब ही की ओर से हैं।" और चेतते तो केवल वही हैं जो बुद्धि और समझ रखते हैं |
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301 | 3 | 8 | ربنا لا تزغ قلوبنا بعد إذ هديتنا وهب لنا من لدنك رحمة إنك أنت الوهاب |
| | | हमारे रब! जब तू हमें सीधे मार्ग पर लगा चुका है तो इसके पश्चात हमारे दिलों में टेढ़ न पैदा कर और हमें अपने पास से दयालुता प्रदान कर। निश्चय ही तू बड़ा दाता है |
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302 | 3 | 9 | ربنا إنك جامع الناس ليوم لا ريب فيه إن الله لا يخلف الميعاد |
| | | हमारे रब! तू लोगों को एक दिन इकट्ठा करने वाला है, जिसमें कोई संदेह नही। निस्सन्देह अल्लाह अपने वचन के विरुद्ध जाने वाला नही है |
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303 | 3 | 10 | إن الذين كفروا لن تغني عنهم أموالهم ولا أولادهم من الله شيئا وأولئك هم وقود النار |
| | | जिन लोगों ने इनकार की नीति अपनाई है अल्लाह के मुकाबले में तो न उसके माल उनके कुछ काम आएँगे और न उनकी संतान ही। और वही हैं जो आग (जहन्नम) का ईधन बनकर रहेंगे |
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304 | 3 | 11 | كدأب آل فرعون والذين من قبلهم كذبوا بآياتنا فأخذهم الله بذنوبهم والله شديد العقاب |
| | | जैसे फ़िरऔन के लोगों और उनसे पहले के लोगों का हाल हुआ। उन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया तो अल्लाह ने उन्हें उनके गुनाहों पर पकड़ लिया। और अल्लाह कठोर दंड देनेवाला है |
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305 | 3 | 12 | قل للذين كفروا ستغلبون وتحشرون إلى جهنم وبئس المهاد |
| | | इनकार करनेवालों से कह दो, "शीघ्र ही तुम पराभूत होगे और जहन्नम की ओर हाँके जाओगं। और वह क्या ही बुरा ठिकाना है।" |
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306 | 3 | 13 | قد كان لكم آية في فئتين التقتا فئة تقاتل في سبيل الله وأخرى كافرة يرونهم مثليهم رأي العين والله يؤيد بنصره من يشاء إن في ذلك لعبرة لأولي الأبصار |
| | | तुम्हारे लिए उन दोनों गिरोहों में एक निशानी है जो (बद्र की) लड़ाई में एक-दूसरे के मुक़ाबिल हुए। एक गिरोह अल्लाह के मार्ग में लड़ रहा था, जबकि दूसरा विधर्मी था। ये अपनी आँखों देख रहे थे कि वे उनसे दुगने है। अल्लाह अपनी सहायता से जिसे चाहता है, शक्ति प्रदान करता है। दृष्टिवान लोगों के लिए इसमें बड़ी शिक्षा-सामग्री है |
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