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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2957 | 26 | 25 | قال لمن حوله ألا تستمعون |
| | | फिरऔन ने उन लोगो से जो उसके इर्द गिर्द (बैठे) थे कहा क्या तुम लोग नहीं सुनते हो |
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2958 | 26 | 26 | قال ربكم ورب آبائكم الأولين |
| | | मूसा ने कहा (वही ख़ुदा जो कि) तुम्हारा परवरदिगार और तुम्हारे बाप दादाओं का परवरदिगार है |
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2959 | 26 | 27 | قال إن رسولكم الذي أرسل إليكم لمجنون |
| | | फिरऔन ने कहा (लोगों) ये रसूल जो तुम्हारे पास भेजा गया है हो न हो दीवाना है |
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2960 | 26 | 28 | قال رب المشرق والمغرب وما بينهما إن كنتم تعقلون |
| | | मूसा ने कहा (वह ख़ुदा जो) पूरब पश्चिम और जो कुछ इन दोनों के दरमियान (सबका) मालिक है अगर तुम समझते हो (तो यही काफी है) |
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2961 | 26 | 29 | قال لئن اتخذت إلها غيري لأجعلنك من المسجونين |
| | | फिरऔन ने कहा अगर तुम मेरे सिवा किसी और को (अपना) ख़ुदा बनाया है तो मै ज़रुर तुम्हे कैदी बनाऊँगा |
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2962 | 26 | 30 | قال أولو جئتك بشيء مبين |
| | | मूसा ने कहा अगरचे मैं आपको एक वाजेए व रौशन मौजिज़ा भी दिखाऊ (तो भी) |
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2963 | 26 | 31 | قال فأت به إن كنت من الصادقين |
| | | फिरऔन ने कहा (अच्छा) तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो ला दिखाओ |
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2964 | 26 | 32 | فألقى عصاه فإذا هي ثعبان مبين |
| | | बस (ये सुनते ही) मूसा ने अपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दी फिर तो यकायक वह एक सरीही अज़दहा बन गया |
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2965 | 26 | 33 | ونزع يده فإذا هي بيضاء للناظرين |
| | | और (जेब से) अपना हाथ बाहर निकाला तो यकायक देखने वालों के वास्ते बहुत सफेद चमकदार था |
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2966 | 26 | 34 | قال للملإ حوله إن هذا لساحر عليم |
| | | (इस पर) फिरऔन अपने दरबारियों से जो उसके गिर्द (बैठे) थे कहने लगा |
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