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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2956 | 26 | 24 | قال رب السماوات والأرض وما بينهما إن كنتم موقنين |
| | | उसने कहा, "आकाशों और धरती का रब और जो कुछ इन दोनों का मध्य है उसका भी, यदि तुम्हें यकीन हो।" |
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2957 | 26 | 25 | قال لمن حوله ألا تستمعون |
| | | उसने अपने आस-पासवालों से कहा, "क्या तुम सुनते नहीं हो?" |
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2958 | 26 | 26 | قال ربكم ورب آبائكم الأولين |
| | | कहा, "तुम्हारा रब और तुम्हारे अगले बाप-दादा का रब।" |
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2959 | 26 | 27 | قال إن رسولكم الذي أرسل إليكم لمجنون |
| | | बोला, "निश्चय ही तुम्हारा यह रसूल, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, बिलकुल ही पागल है।" |
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2960 | 26 | 28 | قال رب المشرق والمغرب وما بينهما إن كنتم تعقلون |
| | | उसने कहा, "पूर्व और पश्चिम का रब और जो कुछ उनके बीच है उसका भी, यदि तुम कुछ बुद्धि रखते हो।" |
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2961 | 26 | 29 | قال لئن اتخذت إلها غيري لأجعلنك من المسجونين |
| | | बोला, "यदि तूने मेरे सिवा किसी और को पूज्य एवं प्रभु बनाया, तो मैं तुझे बन्दी बनाकर रहूँगा।" |
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2962 | 26 | 30 | قال أولو جئتك بشيء مبين |
| | | उसने कहा, "क्या यदि मैं तेरे पास एक स्पष्ट चीज़ ले आऊँ तब भी?" |
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2963 | 26 | 31 | قال فأت به إن كنت من الصادقين |
| | | बोलाः “अच्छा वह ले आ; यदि तू सच्चा है” । |
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2964 | 26 | 32 | فألقى عصاه فإذا هي ثعبان مبين |
| | | फिर उसने अपनी लाठी डाल दी, तो अचानक क्या देखते है कि वह एक प्रत्यक्ष अज़गर है |
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2965 | 26 | 33 | ونزع يده فإذا هي بيضاء للناظرين |
| | | और उसने अपना हाथ बाहर खींचा तो फिर क्या देखते है कि वह देखनेवालों के सामने चमक रहा है |
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