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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2953 | 26 | 21 | ففررت منكم لما خفتكم فوهب لي ربي حكما وجعلني من المرسلين |
| | | फिर जब मुझे तुम्हारा भय हुआ तो मैं तुम्हारे यहाँ से भाग गया। फिर मेरे रब ने मुझे निर्णय-शक्ति प्रदान की और मुझे रसूलों में सम्मिलित किया |
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2954 | 26 | 22 | وتلك نعمة تمنها علي أن عبدت بني إسرائيل |
| | | यही वह उदार अनुग्रह है जिसका रहमान तू मुझपर जताता है कि तूने इसराईल की सन्तान को ग़ुलाम बना रखा है।" |
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2955 | 26 | 23 | قال فرعون وما رب العالمين |
| | | फ़िरऔन ने कहा, "और यह सारे संसार का रब क्या होता है?" |
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2956 | 26 | 24 | قال رب السماوات والأرض وما بينهما إن كنتم موقنين |
| | | उसने कहा, "आकाशों और धरती का रब और जो कुछ इन दोनों का मध्य है उसका भी, यदि तुम्हें यकीन हो।" |
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2957 | 26 | 25 | قال لمن حوله ألا تستمعون |
| | | उसने अपने आस-पासवालों से कहा, "क्या तुम सुनते नहीं हो?" |
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2958 | 26 | 26 | قال ربكم ورب آبائكم الأولين |
| | | कहा, "तुम्हारा रब और तुम्हारे अगले बाप-दादा का रब।" |
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2959 | 26 | 27 | قال إن رسولكم الذي أرسل إليكم لمجنون |
| | | बोला, "निश्चय ही तुम्हारा यह रसूल, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, बिलकुल ही पागल है।" |
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2960 | 26 | 28 | قال رب المشرق والمغرب وما بينهما إن كنتم تعقلون |
| | | उसने कहा, "पूर्व और पश्चिम का रब और जो कुछ उनके बीच है उसका भी, यदि तुम कुछ बुद्धि रखते हो।" |
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2961 | 26 | 29 | قال لئن اتخذت إلها غيري لأجعلنك من المسجونين |
| | | बोला, "यदि तूने मेरे सिवा किसी और को पूज्य एवं प्रभु बनाया, तो मैं तुझे बन्दी बनाकर रहूँगा।" |
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2962 | 26 | 30 | قال أولو جئتك بشيء مبين |
| | | उसने कहा, "क्या यदि मैं तेरे पास एक स्पष्ट चीज़ ले आऊँ तब भी?" |
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