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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2931 | 25 | 76 | خالدين فيها حسنت مستقرا ومقاما |
| | | वहाँ वे सदैव रहेंगे। बहुत ही अच्छी है वह ठहरने की जगह और स्थान; |
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2932 | 25 | 77 | قل ما يعبأ بكم ربي لولا دعاؤكم فقد كذبتم فسوف يكون لزاما |
| | | कह दो, "मेरे रब को तुम्हारी कोई परवाह नहीं अगर तुम (उसको) न पुकारो। अब जबकि तुम झुठला चुके हो, तो शीघ्र ही वह चीज़ चिमट जानेवाली होगी।" |
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2933 | 26 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم طسم |
| | | ता॰ सीन॰ मीम॰ |
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2934 | 26 | 2 | تلك آيات الكتاب المبين |
| | | ये स्पष्ट किताब की आयतें है |
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2935 | 26 | 3 | لعلك باخع نفسك ألا يكونوا مؤمنين |
| | | शायद इसपर कि वे ईमान नहीं लाते, तुम अपने प्राण ही खो बैठोगे |
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2936 | 26 | 4 | إن نشأ ننزل عليهم من السماء آية فظلت أعناقهم لها خاضعين |
| | | यदि हम चाहें तो उनपर आकाश से एक निशानी उतार दें। फिर उनकी गर्दनें उसके आगे झुकी रह जाएँ |
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2937 | 26 | 5 | وما يأتيهم من ذكر من الرحمن محدث إلا كانوا عنه معرضين |
| | | उनके पास रहमान की ओर से जो नवीन अनुस्मृति भी आती है, वे उससे मुँह फेर ही लेते है |
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2938 | 26 | 6 | فقد كذبوا فسيأتيهم أنباء ما كانوا به يستهزئون |
| | | अब जबकि वे झुठला चुके है, तो शीघ्र ही उन्हें उसकी हक़ीकत मालूम हो जाएगी, जिसका वे मज़ाक़ उड़ाते रहे है |
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2939 | 26 | 7 | أولم يروا إلى الأرض كم أنبتنا فيها من كل زوج كريم |
| | | क्या उन्होंने धरती को नहीं देखा कि हमने उसमें कितने ही प्रकार की उमदा चीज़ें पैदा की है? |
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2940 | 26 | 8 | إن في ذلك لآية وما كان أكثرهم مؤمنين |
| | | निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है, इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
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