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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2910 | 25 | 55 | ويعبدون من دون الله ما لا ينفعهم ولا يضرهم وكان الكافر على ربه ظهيرا |
| | | अल्लाह से इतर वे उनको पूजते है जो न उन्हें लाभ पहुँचा सकते है और न ही उन्हें हानि पहुँचा सकते है। और ऊपर से यह भी कि इनकार करनेवाला अपने रब का विरोधी और उसके मुक़ाबले में दूसरों का सहायक बना हुआ है |
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2911 | 25 | 56 | وما أرسلناك إلا مبشرا ونذيرا |
| | | और हमने तो तुमको शुभ-सूचना देनेवाला और सचेतकर्ता बनाकर भेजा है। |
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2912 | 25 | 57 | قل ما أسألكم عليه من أجر إلا من شاء أن يتخذ إلى ربه سبيلا |
| | | कह दो, "मैं इस काम पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता सिवाय इसके कि जो कोई चाहे अपने रब की ओर ले जानेवाला मार्ग अपना ले।" |
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2913 | 25 | 58 | وتوكل على الحي الذي لا يموت وسبح بحمده وكفى به بذنوب عباده خبيرا |
| | | और उस अल्लाह पर भरोसा करो जो जीवन्त और अमर है और उसका गुणगान करो। वह अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने के लिए काफ़ी है |
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2914 | 25 | 59 | الذي خلق السماوات والأرض وما بينهما في ستة أيام ثم استوى على العرش الرحمن فاسأل به خبيرا |
| | | जिसने आकाशों और धरती को और जो कुछ उन दोनों के बीच है छह दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। रहमान है वह! अतः पूछो उससे जो उसकी ख़बर रखता है |
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2915 | 25 | 60 | وإذا قيل لهم اسجدوا للرحمن قالوا وما الرحمن أنسجد لما تأمرنا وزادهم نفورا |
| | | उन लोगों से जब कहा जाता है कि "रहमान को सजदा करो" तो वे कहते है, "और रहमान क्या होता है? क्या जिसे तू हमसे कह दे उसी को हम सजदा करने लगें?" और यह चीज़ उनकी घृणा को और बढ़ा देती है |
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2916 | 25 | 61 | تبارك الذي جعل في السماء بروجا وجعل فيها سراجا وقمرا منيرا |
| | | बड़ी बरकतवाला है वह, जिसने आकाश में बुर्ज (नक्षत्र) बनाए और उसमें एक चिराग़ और एक चमकता चाँद बनाया |
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2917 | 25 | 62 | وهو الذي جعل الليل والنهار خلفة لمن أراد أن يذكر أو أراد شكورا |
| | | और वही है जिसने रात और दिन को एक-दूसरे के पीछे आनेवाला बनाया, उस व्यक्ति के लिए (निशानी) जो चेतना चाहे या कृतज्ञ होना चाहे |
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2918 | 25 | 63 | وعباد الرحمن الذين يمشون على الأرض هونا وإذا خاطبهم الجاهلون قالوا سلاما |
| | | रहमान के (प्रिय) बन्दें वहीं है जो धरती पर नम्रतापूर्वक चलते है और जब जाहिल उनके मुँह आएँ तो कह देते है, "तुमको सलाम!" |
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2919 | 25 | 64 | والذين يبيتون لربهم سجدا وقياما |
| | | जो अपने रब के आगे सजदे में और खड़े रातें गुज़ारते है; |
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