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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2891 | 25 | 36 | فقلنا اذهبا إلى القوم الذين كذبوا بآياتنا فدمرناهم تدميرا |
| | | और कहा कि "तुम दोनों उन लोगों के पास जाओ जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया है।" अन्ततः हमने उन लोगों को विनष्ट करके रख दिया |
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2892 | 25 | 37 | وقوم نوح لما كذبوا الرسل أغرقناهم وجعلناهم للناس آية وأعتدنا للظالمين عذابا أليما |
| | | और नूह की क़ौम को भी, जब उन्होंने रसूलों को झुठलाया तो हमने उन्हें डुबा दिया और लोगों के लिए उन्हें एक निशानी बना दिया, और उन ज़ालिमों के लिए हमने एक दुखद यातना तैयार कर रखी है |
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2893 | 25 | 38 | وعادا وثمود وأصحاب الرس وقرونا بين ذلك كثيرا |
| | | और आद और समूद और अर-रस्सवालों और उस बीच की बहुत-सी नस्लों को भी विनष्ट किया। |
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2894 | 25 | 39 | وكلا ضربنا له الأمثال وكلا تبرنا تتبيرا |
| | | प्रत्येक के लिए हमने मिसालें बयान कीं। अन्ततः प्रत्येक को हमने पूरी तरह विध्वस्त कर दिया |
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2895 | 25 | 40 | ولقد أتوا على القرية التي أمطرت مطر السوء أفلم يكونوا يرونها بل كانوا لا يرجون نشورا |
| | | और उस बस्ती पर से तो वे हो आए है जिसपर बुरी वर्षा बरसी; तो क्या वे उसे देखते नहीं रहे हैं? नहीं, बल्कि वे दोबारा जीवित होकर उठने की आशा ही नहीं रखते रहे है |
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2896 | 25 | 41 | وإذا رأوك إن يتخذونك إلا هزوا أهذا الذي بعث الله رسولا |
| | | वे जब भी तुम्हें देखते हैं तो तुम्हारा मज़ाक़ बना लेते हैं कि "क्या यही, जिसे अल्लाह ने रसूल बनाकर भेजा है? |
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2897 | 25 | 42 | إن كاد ليضلنا عن آلهتنا لولا أن صبرنا عليها وسوف يعلمون حين يرون العذاب من أضل سبيلا |
| | | इसने तो हमें भटकाकर हमको हमारे प्रभु-पूज्यों से फेर ही दिया होता, यदि हम उनपर मज़बूती से जम न गए होते।" |
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2898 | 25 | 43 | أرأيت من اتخذ إلهه هواه أفأنت تكون عليه وكيلا |
| | | क्या तुमने उसको भी देखा, जिसने अपना प्रभु अपनी (तुच्छ) इच्छा को बना रखा है? तो क्या तुम उसका ज़िम्मा ले सकते हो |
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2899 | 25 | 44 | أم تحسب أن أكثرهم يسمعون أو يعقلون إن هم إلا كالأنعام بل هم أضل سبيلا |
| | | या तुम समझते हो कि उनमें अधिकतर सुनते और समझते है? वे तो बस चौपायों की तरह हैं, बल्कि उनसे भी अधिक पथभ्रष्ट! |
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2900 | 25 | 45 | ألم تر إلى ربك كيف مد الظل ولو شاء لجعله ساكنا ثم جعلنا الشمس عليه دليلا |
| | | क्या तुमने अपने रब को नहीं देखा कि कैसे फैलाई छाया? यदि चाहता तो उसे स्थिर रखता। फिर हमने सूर्य को उसका पता देनेवाला बनाया, |
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