بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
28822527ويوم يعض الظالم على يديه يقول يا ليتني اتخذت مع الرسول سبيلا
और जिस दिन जुल्म करने वाला अपने हाथ (मारे अफ़सोस के) काटने लगेगा और कहेगा काश रसूल के साथ मैं भी (दीन का सीधा) रास्ता पकड़ता
28832528يا ويلتى ليتني لم أتخذ فلانا خليلا
हाए अफसोस काश मै फला शख्स को अपना दोस्त न बनाता
28842529لقد أضلني عن الذكر بعد إذ جاءني وكان الشيطان للإنسان خذولا
बेशक यक़ीनन उसने हमारे पास नसीहत आने के बाद मुझे बहकाया और शैतान तो आदमी को रुसवा करने वाला ही है
28852530وقال الرسول يا رب إن قومي اتخذوا هذا القرآن مهجورا
और (उस वक्त) रसूल (बारगाहे ख़ुदा वन्दी में) अर्ज़ करेगें कि ऐ मेरे परवरदिगार मेरी क़ौम ने तो इस क़ुरान को बेकार बना दिया
28862531وكذلك جعلنا لكل نبي عدوا من المجرمين وكفى بربك هاديا ونصيرا
और हमने (गोया ख़ुद) गुनाहगारों में से हर नबी के दुश्मन बना दिए हैं और तुम्हारा परवरदिगार हिदायत और मददगारी के लिए काफी है
28872532وقال الذين كفروا لولا نزل عليه القرآن جملة واحدة كذلك لنثبت به فؤادك ورتلناه ترتيلا
और कुफ्फार कहने लगे कि उनके ऊपर (आख़िर) क़ुरान का कुल (एक ही दफा) क्यों नहीं नाज़िल किया गया (हमने) इस तरह इसलिए (नाज़िल किया) ताकि तुम्हारे दिल को तस्कीन देते रहें और हमने इसको ठहर ठहर कर नाज़िल किया
28882533ولا يأتونك بمثل إلا جئناك بالحق وأحسن تفسيرا
और (ये कुफ्फार) चाहे कैसी ही (अनोखी) मसल बयान करेंगे मगर हम तुम्हारे पास (उनका) बिल्कुल ठीक और निहायत उम्दा (जवाब) बयान कर देगें
28892534الذين يحشرون على وجوههم إلى جهنم أولئك شر مكانا وأضل سبيلا
जो लोग (क़यामत के दिन) अपने अपने मोहसिनों के बल जहन्नुम में हकाए जाएगें वही लोग बदतर जगह में होगें और सब से ज्यादा राह रास्त से भटकने वाले
28902535ولقد آتينا موسى الكتاب وجعلنا معه أخاه هارون وزيرا
और अलबत्ता हमने मूसा को किताब (तौरैत) अता की और उनके साथ उनके भाई हारुन को (उनका) वज़ीर बनाया
28912536فقلنا اذهبا إلى القوم الذين كذبوا بآياتنا فدمرناهم تدميرا
तो हमने कहा तुम दोनों उन लोगों के पास जा जो हमारी (कुदरत की) निशानियों को झुठलाते हैं जाओ (और समझाओ जब न माने) तो हमने उन्हें खूब बरबाद कर डाला


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