بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
28452454قل أطيعوا الله وأطيعوا الرسول فإن تولوا فإنما عليه ما حمل وعليكم ما حملتم وإن تطيعوه تهتدوا وما على الرسول إلا البلاغ المبين
कहो, "अल्लाह का आज्ञापालन करो और उसके रसूल का कहा मानो। परन्तु यदि तुम मुँह मोड़ते हो तो उसपर तो बस वही ज़िम्मेदारी है जिसका बोझ उसपर डाला गया है, और तुम उसके ज़िम्मेदार हो जिसका बोझ तुमपर डाला गया है। और यदि तुम आज्ञा का पालन करोगे तो मार्ग पा लोगे। और रसूल पर तो बस साफ़-साफ़ (संदेश) पहुँचा देने ही की ज़िम्मेदारी है
28462455وعد الله الذين آمنوا منكم وعملوا الصالحات ليستخلفنهم في الأرض كما استخلف الذين من قبلهم وليمكنن لهم دينهم الذي ارتضى لهم وليبدلنهم من بعد خوفهم أمنا يعبدونني لا يشركون بي شيئا ومن كفر بعد ذلك فأولئك هم الفاسقون
अल्लाह ने उन लोगों से जो तुममें से ईमान लाए और उन्होने अच्छे कर्म किए, वादा किया है कि वह उन्हें धरती में अवश्य सत्ताधिकार प्रदान करेगा, जैसे उसने उनसे पहले के लोगों को सत्ताधिकार प्रदान किया था। औऱ उनके लिए अवश्य उनके उस धर्म को जमाव प्रदान करेगा जिसे उसने उनके लिए पसन्द किया है। और निश्चय ही उनके वर्तमान भय के पश्चात उसे उनके लिए शान्ति और निश्चिन्तता में बदल देगा। वे मेरी बन्दगी करते है, मेरे साथ किसी चीज़ को साझी नहीं बनाते। और जो कोई इसके पश्चात इनकार करे, तो ऐसे ही लोग अवज्ञाकारी है
28472456وأقيموا الصلاة وآتوا الزكاة وأطيعوا الرسول لعلكم ترحمون
नमाज़ का आयोजन करो और ज़कात दो और रसूल की आज्ञा का पालन करो, ताकि तुमपर दया की जाए
28482457لا تحسبن الذين كفروا معجزين في الأرض ومأواهم النار ولبئس المصير
यह कदापि न समझो कि इनकार की नीति अपनानेवाले धरती में क़ाबू से बाहर निकल जानेवाले है। उनका ठिकाना आग है, और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है
28492458يا أيها الذين آمنوا ليستأذنكم الذين ملكت أيمانكم والذين لم يبلغوا الحلم منكم ثلاث مرات من قبل صلاة الفجر وحين تضعون ثيابكم من الظهيرة ومن بعد صلاة العشاء ثلاث عورات لكم ليس عليكم ولا عليهم جناح بعدهن طوافون عليكم بعضكم على بعض كذلك يبين الله لكم الآيات والله عليم حكيم
ऐ ईमान लानेवालो! जो तुम्हारी मिल्कियत में हो और तुममें जो अभी युवावस्था को नहीं पहुँचे है, उनको चाहिए कि तीन समयों में तुमसे अनुमति लेकर तुम्हारे पास आएँ: प्रभात काल की नमाज़ से पहले और जब दोपहर को तुम (आराम के लिए) अपने कपड़े उतार रखते हो और रात्रि की नमाज़ के पश्चात - ये तीन समय तुम्हारे लिए परदे के हैं। इनके पश्चात न तो तुमपर कोई गुनाह है और न उनपर। वे तुम्हारे पास अधिक चक्कर लगाते है। तुम्हारे ही कुछ अंश परस्पर कुछ अंश के पास आकर मिलते है। इस प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए अपनी आयतों को स्पष्टप करता है। अल्लाह भली-भाँति जाननेवाला है, तत्वदर्शी है
28502459وإذا بلغ الأطفال منكم الحلم فليستأذنوا كما استأذن الذين من قبلهم كذلك يبين الله لكم آياته والله عليم حكيم
और जब तुममें से बच्चे युवावस्था को पहुँच जाएँ तो उन्हें चाहिए कि अनुमति ले लिया करें जैसे उनसे पहले लोग अनुमति लेते रहे है। इस प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए अपनी आयतों को स्पष्ट करता है। अल्लाह भली-भाँति जाननेवाला, तत्वदर्शी है
28512460والقواعد من النساء اللاتي لا يرجون نكاحا فليس عليهن جناح أن يضعن ثيابهن غير متبرجات بزينة وأن يستعففن خير لهن والله سميع عليم
जो स्त्रियाँ युवावस्था से गुज़रकर बैठ चुकी हों, जिन्हें विवाह की आशा न रह गई हो, उनपर कोई दोष नहीं कि वे अपने कपड़े (चादरें) उतारकर रख दें जबकि वे शृंगार का प्रदर्शन करनेवाली न हों। फिर भी वे इससे बचें तो उनके लिए अधिक अच्छा है। अल्लाह भली-भाँति सुनता, जानता है
28522461ليس على الأعمى حرج ولا على الأعرج حرج ولا على المريض حرج ولا على أنفسكم أن تأكلوا من بيوتكم أو بيوت آبائكم أو بيوت أمهاتكم أو بيوت إخوانكم أو بيوت أخواتكم أو بيوت أعمامكم أو بيوت عماتكم أو بيوت أخوالكم أو بيوت خالاتكم أو ما ملكتم مفاتحه أو صديقكم ليس عليكم جناح أن تأكلوا جميعا أو أشتاتا فإذا دخلتم بيوتا فسلموا على أنفسكم تحية من عند الله مباركة طيبة كذلك يبين الله لكم الآيات لعلكم تعقلون
न अंधे के लिए कोई हरज है, न लँगड़े के लिए कोई हरज है और न रोगी के लिए कोई हरज है और न तुम्हारे अपने लिए इस बात में कि तुम अपने घरों में खाओ या अपने बापों के घरों से या अपनी माँओ के घरों से या अपने भाइयों के घरों से या अपनी बहनों के घरों से या अपने चाचाओं के घरों से या अपनी फूफियों (बुआओं) के घरों से या अपनी ख़ालाओं के घरों से या जिसकी कुंजियों के मालिक हुए हो या अपने मित्र के यहाँ। इसमें तुम्हारे लिए कोई हरज नहीं कि तुम मिलकर खाओ या अलग-अलग। हाँ, अलबत्ता जब घरों में जाया करो तो अपने लोगों को सलाम किया करो, अभिवादन अल्लाह की ओर से नियत किया हुए, बरकतवाला और अत्याधिक पाक। इस प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए अपनी आयतों को स्पष्ट करता है, ताकि तुम बुद्धि से काम लो
28532462إنما المؤمنون الذين آمنوا بالله ورسوله وإذا كانوا معه على أمر جامع لم يذهبوا حتى يستأذنوه إن الذين يستأذنونك أولئك الذين يؤمنون بالله ورسوله فإذا استأذنوك لبعض شأنهم فأذن لمن شئت منهم واستغفر لهم الله إن الله غفور رحيم
मोमिन तो बस वही है जो अल्लाह और उसके रसूल पर पक्का ईमान रखते है। और जब किसी सामूहिक मामले के लिए उसके साथ हो तो चले न जाएँ जब तक कि उससे अनुमति न प्राप्त कर लें। (ऐ नबी!) जो लोग (आवश्यकता पड़ने पर) तुमसे अनुमति ले लेते है, वही लोग अल्लाह और रसूल पर ईमान रखते है, तो जब वे किसी काम के लिए अनुमति चाहें तो उनमें से जिसको चाहो अनुमति दे दिया करो, और उन लोगों के लिए अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना किया करो। निस्संदेह अल्लाह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
28542463لا تجعلوا دعاء الرسول بينكم كدعاء بعضكم بعضا قد يعلم الله الذين يتسللون منكم لواذا فليحذر الذين يخالفون عن أمره أن تصيبهم فتنة أو يصيبهم عذاب أليم
अपने बीच रसूल के बुलाने को तुम आपस में एक-दूसरे जैसा बुलाना न समझना। अल्लाह उन लोगों को भली-भाँति जानता है जो तुममें से ऐसे है कि (एक-दूसरे की) आड़ लेकर चुपके से खिसक जाते है। अतः उनको, जो उसके आदेश की अवहेलना करते है, डरना चाहिए कि कही ऐसा न हो कि उनपर कोई आज़माइश आ पड़े या उनपर कोई दुखद यातना आ जाए


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