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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2826 | 24 | 35 | الله نور السماوات والأرض مثل نوره كمشكاة فيها مصباح المصباح في زجاجة الزجاجة كأنها كوكب دري يوقد من شجرة مباركة زيتونة لا شرقية ولا غربية يكاد زيتها يضيء ولو لم تمسسه نار نور على نور يهدي الله لنوره من يشاء ويضرب الله الأمثال للناس والله بكل شيء عليم |
| | | ख़ुदा तो सारे आसमान और ज़मीन का नूर है उसके नूर की मिसल (ऐसी) है जैसे एक ताक़ (सीना) है जिसमे एक रौशन चिराग़ (इल्मे शरीयत) हो और चिराग़ एक शीशे की क़न्दील (दिल) में हो (और) क़न्दील (अपनी तड़प में) गोया एक जगमगाता हुआ रौशन सितारा (वह चिराग़) जैतून के मुबारक दरख्त (के तेल) से रौशन किया जाए जो न पूरब की तरफ हो और न पश्चिम की तरफ (बल्कि बीचों बीच मैदान में) उसका तेल (ऐसा) शफ्फाफ हो कि अगरचे आग उसे छुए भी नही ताहम ऐसा मालूम हो कि आप ही आप रौशन हो जाएगा (ग़रज़ एक नूर नहीं बल्कि) नूर आला नूर (नूर की नूर पर जोत पड़ रही है) ख़ुदा अपने नूर की तरफ जिसे चाहता है हिदायत करता है और ख़ुदा तो हर चीज़ से खूब वाक़िफ है |
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2827 | 24 | 36 | في بيوت أذن الله أن ترفع ويذكر فيها اسمه يسبح له فيها بالغدو والآصال |
| | | (वह क़न्दील) उन घरों में रौशन है जिनकी निस्बत ख़ुदा ने हुक्म दिया कि उनकी ताज़ीम की जाए और उनमें उसका नाम लिया जाए जिनमें सुबह व शाम वह लोग उसकी तस्बीह किया करते हैं |
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2828 | 24 | 37 | رجال لا تلهيهم تجارة ولا بيع عن ذكر الله وإقام الصلاة وإيتاء الزكاة يخافون يوما تتقلب فيه القلوب والأبصار |
| | | ऐसे लोग जिनको ख़ुदा के ज़िक्र और नमाज़ पढ़ने और ज़कात अदा करने से न तो तिजारत ही ग़ाफिल कर सकती है न (ख़रीद फरोख्त) (का मामला क्योंकि) वह लोग उस दिन से डरते हैं जिसमें ख़ौफ के मारे दिल और ऑंखें उलट जाएँगी |
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2829 | 24 | 38 | ليجزيهم الله أحسن ما عملوا ويزيدهم من فضله والله يرزق من يشاء بغير حساب |
| | | (उसकी इबादत इसलिए करते हैं) ताकि ख़ुदा उन्हें उनके आमाल का बेहतर से बेहतर बदला अता फरमाए और अपने फज़ल व करम से कुछ और ज्यादा भी दे और ख़ुदा तो जिसे चाहता है बेहिसाब रोज़ी देता है |
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2830 | 24 | 39 | والذين كفروا أعمالهم كسراب بقيعة يحسبه الظمآن ماء حتى إذا جاءه لم يجده شيئا ووجد الله عنده فوفاه حسابه والله سريع الحساب |
| | | और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया उनकी कारस्तानियाँ (ऐसी है) जैसे एक चटियल मैदान का चमकता हुआ बालू कि प्यासा उस को दूर से देखे तो पानी ख्याल करता है यहाँ तक कि जब उसके पास आया तो उसको कुछ भी न पाया (और प्यास से तड़प कर मर गया) और ख़ुदा को अपने पास मौजूद पाया तो उसने उसका हिसाब (किताब) पूरा पूरा चुका दिया और ख़ुदा तो बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है |
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2831 | 24 | 40 | أو كظلمات في بحر لجي يغشاه موج من فوقه موج من فوقه سحاب ظلمات بعضها فوق بعض إذا أخرج يده لم يكد يراها ومن لم يجعل الله له نورا فما له من نور |
| | | (या काफिरों के आमाल की मिसाल) उस बड़े गहरे दरिया की तारिकियों की सी है- जैसे एक लहर उसके ऊपर दूसरी लहर उसके ऊपर अब्र (तह ब तह) ढॉके हुए हो (ग़रज़) तारिकियाँ है कि एक से ऊपर एक (उमड़ी) चली आती हैं (इसी तरह से) कि अगर कोइ शख्स अपना हाथ निकाले तो (शिद्दत तारीकी से) उसे देख न सके और जिसे खुद ख़ुदा ही ने (हिदायत की) रौशनी न दी हो तो (समझ लो कि) उसके लिए कहीं कोई रौशनी नहीं है |
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2832 | 24 | 41 | ألم تر أن الله يسبح له من في السماوات والأرض والطير صافات كل قد علم صلاته وتسبيحه والله عليم بما يفعلون |
| | | (ऐ शख्स) क्या तूने इतना भी नहीं देखा कि जितनी मख़लूक़ात सारे आसमान और ज़मीन में हैं और परिन्दें पर फैलाए (ग़रज़ सब) उसी को तस्बीह किया करते हैं सब के सब अपनी नमाज़ और अपनी तस्बीह का तरीक़ा खूब जानते हैं और जो कुछ ये किया करते हैं ख़ुदा उससे खूब वाक़िफ है |
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2833 | 24 | 42 | ولله ملك السماوات والأرض وإلى الله المصير |
| | | और सारे आसमान व ज़मीन की सल्तनत ख़ास ख़ुदा ही की है और ख़ुदा ही की तरफ (सब को) लौट कर जाना है |
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2834 | 24 | 43 | ألم تر أن الله يزجي سحابا ثم يؤلف بينه ثم يجعله ركاما فترى الودق يخرج من خلاله وينزل من السماء من جبال فيها من برد فيصيب به من يشاء ويصرفه عن من يشاء يكاد سنا برقه يذهب بالأبصار |
| | | क्या तूने उस पर भी नज़र नहीं की कि यक़ीनन ख़ुदा ही अब्र को चलाता है फिर वही बाहम उसे जोड़ता है-फिर वही उसे तह ब तह रखता है तब तू तो बारिश उसके दरमियान से निकलते हुए देखता है और आसमान में जो (जमे हुए बादलों के) पहाड़ है उनमें से वही उसे बरसाता है- फिर उन्हें जिस (के सर) पर चाहता है पहुँचा देता है- और जिस (के सर) से चाहता है टाल देता है- क़रीब है कि उसकी बिजली की कौन्द आखों की रौशनी उचके लिये जाती है |
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2835 | 24 | 44 | يقلب الله الليل والنهار إن في ذلك لعبرة لأولي الأبصار |
| | | ख़ुदा ही रात और दिन को फेर बदल करता रहता है- बेशक इसमें ऑंख वालों के लिए बड़ी इबरत है |
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