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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2796 | 24 | 5 | إلا الذين تابوا من بعد ذلك وأصلحوا فإن الله غفور رحيم |
| | | सिवाय उन लोगों के जो इसके पश्चात तौबा कर लें और सुधार कर लें। तो निश्चय ही अल्लाह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है |
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2797 | 24 | 6 | والذين يرمون أزواجهم ولم يكن لهم شهداء إلا أنفسهم فشهادة أحدهم أربع شهادات بالله إنه لمن الصادقين |
| | | औऱ जो लोग अपनी पत्नियों पर दोषारोपण करें औऱ उनके पास स्वयं के सिवा गवाह मौजूद न हों, तो उनमें से एक (अर्थात पति) चार बार अल्लाह की क़सम खाकर यह गवाही दे कि वह बिलकुल सच्चा है |
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2798 | 24 | 7 | والخامسة أن لعنت الله عليه إن كان من الكاذبين |
| | | और पाँचवी बार यह गवाही दे कि यदि वह झूठा हो तो उसपर अल्लाह की फिटकार हो |
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2799 | 24 | 8 | ويدرأ عنها العذاب أن تشهد أربع شهادات بالله إنه لمن الكاذبين |
| | | पत्ऩी से भी सज़ा को यह बात टाल सकती है कि वह चार बार अल्लाह की क़सम खाकर गवाही दे कि वह बिलकुल झूठा है |
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2800 | 24 | 9 | والخامسة أن غضب الله عليها إن كان من الصادقين |
| | | और पाँचवी बार यह कहें कि उसपर (उस स्त्री पर) अल्लाह का प्रकोप हो, यदि वह सच्चा हो |
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2801 | 24 | 10 | ولولا فضل الله عليكم ورحمته وأن الله تواب حكيم |
| | | यदि तुम अल्लाह की उदार कृपा और उसकी दया न होती (तो तुम संकट में पड़े जाते), और यह कि अल्लाह बड़ा तौबा क़बूल करनेवाला,अत्यन्त तत्वदर्शी है |
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2802 | 24 | 11 | إن الذين جاءوا بالإفك عصبة منكم لا تحسبوه شرا لكم بل هو خير لكم لكل امرئ منهم ما اكتسب من الإثم والذي تولى كبره منهم له عذاب عظيم |
| | | जो लोग तोहमत घड़ लाए है वे तुम्हारे ही भीतर की एक टोली है। तुम उसे अपने लिए बुरा मत समझो, बल्कि वह भी तुम्हारे लिए अच्छा ही है। उनमें से प्रत्येक व्यक्ति के लिए उतना ही हिस्सा है जितना गुनाह उसने कमाया, और उनमें से जिस व्यक्ति ने उसकी ज़िम्मेदारी का एक बड़ा हिस्सा अपने सिर लिया उसके लिए बड़ा यातना है |
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2803 | 24 | 12 | لولا إذ سمعتموه ظن المؤمنون والمؤمنات بأنفسهم خيرا وقالوا هذا إفك مبين |
| | | ऐसा क्यों न हुआ कि जब तुम लोगों ने उसे सुना था, तब मोमिन पुरुष और मोमिन स्त्रियाँ अपने आपसे अच्छा गुमान करते और कहते कि "यह तो खुली तोहमत है?" |
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2804 | 24 | 13 | لولا جاءوا عليه بأربعة شهداء فإذ لم يأتوا بالشهداء فأولئك عند الله هم الكاذبون |
| | | आख़िर वे इसपर चार गवाह क्यों न लाए? अब जबकि वे गवाह नहीं लाए, तो अल्लाह की स्पष्ट में वही झूठे है |
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2805 | 24 | 14 | ولولا فضل الله عليكم ورحمته في الدنيا والآخرة لمسكم في ما أفضتم فيه عذاب عظيم |
| | | यदि तुमपर दुनिया और आख़िरत में अल्लाह की उदार कृपा और उसकी दयालुता न होती तो जिस बात में तुम पड़ गए उसके कारण तुम्हें एक बड़ी यातना आ लेती |
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