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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2792 | 24 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم سورة أنزلناها وفرضناها وأنزلنا فيها آيات بينات لعلكم تذكرون |
| | | यह एक (महत्वपूर्ण) सूरा है, जिसे हमने उतारा है। और इसे हमने अनिवार्य किया है, और इसमें हमने स्पष्ट आयतें (आदेश) अवतरित की है। कदाचित तुम शिक्षा ग्रहण करो |
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2793 | 24 | 2 | الزانية والزاني فاجلدوا كل واحد منهما مائة جلدة ولا تأخذكم بهما رأفة في دين الله إن كنتم تؤمنون بالله واليوم الآخر وليشهد عذابهما طائفة من المؤمنين |
| | | व्यभिचारिणी और व्यभिचारी - इन दोनों में से प्रत्येक को सौ कोड़े मारो और अल्लाह के धर्म (क़ानून) के विषय में तुम्हें उनपर तरस न आए, यदि तुम अल्लाह औऱ अन्तिम दिन को मानते हो। और उन्हें दंड देते समय मोमिनों में से कुछ लोगों को उपस्थित रहना चाहिए |
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2794 | 24 | 3 | الزاني لا ينكح إلا زانية أو مشركة والزانية لا ينكحها إلا زان أو مشرك وحرم ذلك على المؤمنين |
| | | व्यभिचारी किसी व्यभिचारिणी या बहुदेववादी स्त्री से ही निकाह करता है। और (इसी प्रकार) व्यभिचारिणी, किसी व्यभिचारी या बहुदेववादी से ही निकाह करते है। और यह मोमिनों पर हराम है |
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2795 | 24 | 4 | والذين يرمون المحصنات ثم لم يأتوا بأربعة شهداء فاجلدوهم ثمانين جلدة ولا تقبلوا لهم شهادة أبدا وأولئك هم الفاسقون |
| | | और जो लोग शरीफ़ और पाकदामन स्त्री पर तोहमत लगाएँ, फिर चार गवाह न लाएँ, उन्हें अस्सी कोड़े मारो और उनकी गवाही कभी भी स्वीकार न करो - वही है जो अवज्ञाकारी है। - |
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2796 | 24 | 5 | إلا الذين تابوا من بعد ذلك وأصلحوا فإن الله غفور رحيم |
| | | सिवाय उन लोगों के जो इसके पश्चात तौबा कर लें और सुधार कर लें। तो निश्चय ही अल्लाह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है |
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2797 | 24 | 6 | والذين يرمون أزواجهم ولم يكن لهم شهداء إلا أنفسهم فشهادة أحدهم أربع شهادات بالله إنه لمن الصادقين |
| | | औऱ जो लोग अपनी पत्नियों पर दोषारोपण करें औऱ उनके पास स्वयं के सिवा गवाह मौजूद न हों, तो उनमें से एक (अर्थात पति) चार बार अल्लाह की क़सम खाकर यह गवाही दे कि वह बिलकुल सच्चा है |
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2798 | 24 | 7 | والخامسة أن لعنت الله عليه إن كان من الكاذبين |
| | | और पाँचवी बार यह गवाही दे कि यदि वह झूठा हो तो उसपर अल्लाह की फिटकार हो |
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2799 | 24 | 8 | ويدرأ عنها العذاب أن تشهد أربع شهادات بالله إنه لمن الكاذبين |
| | | पत्ऩी से भी सज़ा को यह बात टाल सकती है कि वह चार बार अल्लाह की क़सम खाकर गवाही दे कि वह बिलकुल झूठा है |
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2800 | 24 | 9 | والخامسة أن غضب الله عليها إن كان من الصادقين |
| | | और पाँचवी बार यह कहें कि उसपर (उस स्त्री पर) अल्लाह का प्रकोप हो, यदि वह सच्चा हो |
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2801 | 24 | 10 | ولولا فضل الله عليكم ورحمته وأن الله تواب حكيم |
| | | यदि तुम अल्लाह की उदार कृपा और उसकी दया न होती (तो तुम संकट में पड़े जाते), और यह कि अल्लाह बड़ा तौबा क़बूल करनेवाला,अत्यन्त तत्वदर्शी है |
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