بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
278323110فاتخذتموهم سخريا حتى أنسوكم ذكري وكنتم منهم تضحكون
तो तुम लोगों ने उन्हें मसखरा बना लिया-यहाँ तक कि (गोया) उन लोगों ने तुम से मेरी याद भुला दी और तुम उन पर (बराबर) हँसते रहे
278423111إني جزيتهم اليوم بما صبروا أنهم هم الفائزون
मैने आज उनको उनके सब्र का अच्छा बदला दिया कि यही लोग अपनी (ख़ातिरख्वाह) मुराद को पहुँचने वाले हैं
278523112قال كم لبثتم في الأرض عدد سنين
(फिर उनसे) ख़ुदा पूछेगा कि (आख़िर) तुम ज़मीन पर कितने बरस रहे
278623113قالوا لبثنا يوما أو بعض يوم فاسأل العادين
वह कहेंगें (बरस कैसा) हम तो बस पूरा एक दिन रहे या एक दिन से भी कम
278723114قال إن لبثتم إلا قليلا لو أنكم كنتم تعلمون
तो तुम शुमार करने वालों से पूछ लो ख़ुदा फरमाएगा बेशक तुम (ज़मीन में) बहुत ही कम ठहरे काश तुम (इतनी बात भी दुनिया में) समझे होते
278823115أفحسبتم أنما خلقناكم عبثا وأنكم إلينا لا ترجعون
तो क्या तुम ये ख्याल करते हो कि हमने तुमको (यूँ ही) बेकार पैदा किया और ये कि तुम हमारे हुज़ूर में लौटा कर न लाए जाओगे
278923116فتعالى الله الملك الحق لا إله إلا هو رب العرش الكريم
तो ख़ुदा जो सच्चा बादशाह (हर चीज़ से) बरतर व आला है उसके सिवा कोई माबूद नहीं (वहीं) अर्श बुर्जुग़ का मालिक है
279023117ومن يدع مع الله إلها آخر لا برهان له به فإنما حسابه عند ربه إنه لا يفلح الكافرون
और जो शख्स ख़ुदा के साथ दूसरे माबूद की भी परसतिश करेगा उसके पास इस शिर्क की कोई दलील तो है नहीं तो बस उसका हिसाब (किताब) उसके परवरदिगार ही के पास होगा (मगर याद रहे कि कुफ्फ़ार हरगिज़ फलॉह पाने वाले नहीं)
279123118وقل رب اغفر وارحم وأنت خير الراحمين
और (ऐ रसूल) तुम कह दो परवरदिगार तू (मेरी उम्मत को) बख्श दे और तरस खा और तू तो सब रहम करने वालों से बेहतर है
2792241بسم الله الرحمن الرحيم سورة أنزلناها وفرضناها وأنزلنا فيها آيات بينات لعلكم تذكرون
(ये) एक सूरा है जिसे हमने नाज़िल किया है और उस (के एहक़ाम) को फर्ज क़र दिया है और इसमें हमने वाज़ेए व रौशन आयतें नाज़िल की हैं ताकि तुम (ग़ौर करके) नसीहत हासिल करो


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