بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
27272354فذرهم في غمرتهم حتى حين
अच्छा तो उन्हें उनकी अपनी बेहोशी में डूबे हुए ही एक समय तक छोड़ दो
27282355أيحسبون أنما نمدهم به من مال وبنين
क्या वे समझते है कि हम जो उनकी धन और सन्तान से सहायता किए जा रहे है,
27292356نسارع لهم في الخيرات بل لا يشعرون
तो यह उनके भलाइयों में कोई जल्दी कर रहे है?
27302357إن الذين هم من خشية ربهم مشفقون
नहीं, बल्कि उन्हें इसका एहसास नहीं है। निश्चय ही जो लोग अपने रब के भय से काँपते रहते हैं;
27312358والذين هم بآيات ربهم يؤمنون
और जो लोग अपने रब की आयतों पर ईमान लाते है;
27322359والذين هم بربهم لا يشركون
और जो लोग अपने रब के साथ किसी को साझी नहीं ठहराते;
27332360والذين يؤتون ما آتوا وقلوبهم وجلة أنهم إلى ربهم راجعون
और जो लोग देते है, जो कुछ देते है और हाल यह होता है कि दिल उनके काँप रहे होते है, इसलिए कि उन्हें अपने रब की ओर पलटना है;
27342361أولئك يسارعون في الخيرات وهم لها سابقون
यही वे लोग है, जो भलाइयों में जल्दी करते है और यही उनके लिए अग्रसर रहनेवाले है।
27352362ولا نكلف نفسا إلا وسعها ولدينا كتاب ينطق بالحق وهم لا يظلمون
हम किसी व्यक्ति पर उसकी समाई (क्षमता) से बढ़कर ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं डालते और हमारे पास एक किताब है, जो ठीक-ठीक बोलती है, और उनपर ज़ुल्म नहीं किया जाएगा
27362363بل قلوبهم في غمرة من هذا ولهم أعمال من دون ذلك هم لها عاملون
बल्कि उनके दिल इसकी (सत्य धर्म की) ओर से हटकर (वसवसों और गफ़लतों आदि के) भँवर में पडे हुए है और उससे (ईमानवालों की नीति से) हटकर उनके कुछ और ही काम है। वे उन्हीं को करते रहेंगे;


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