بسم الله الرحمن الرحيم

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27092336هيهات هيهات لما توعدون
दूर की बात है, बहुत दूर की, जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है!
27102337إن هي إلا حياتنا الدنيا نموت ونحيا وما نحن بمبعوثين
वह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। (यहीं) हम मरते और जीते है। हम कोई दोबारा उठाए जानेवाले नहीं है
27112338إن هو إلا رجل افترى على الله كذبا وما نحن له بمؤمنين
वह तो बस एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अल्लाह पर झूठ घड़ा है। हम उसे कदापि माननेवाले नहीं।"
27122339قال رب انصرني بما كذبون
उसने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने जो मुझे झुठलाया, उसपर तू मेरी सहायता कर।"
27132340قال عما قليل ليصبحن نادمين
कहा, "शीघ्र ही वे पछताकर रहेंगे।"
27142341فأخذتهم الصيحة بالحق فجعلناهم غثاء فبعدا للقوم الظالمين
फिर घटित होनेवाली बात के अनुसार उन्हें एक प्रचंड आवाज़ ने आ लिया और हमने उन्हें कूड़ा-कर्कट बनाकर रख दिया। अतः फिटकार है, ऐसे अत्याचारी लोगों पर!
27152342ثم أنشأنا من بعدهم قرونا آخرين
फिर हमने उनके पश्चात दूसरी नस्लों को उठाया
27162343ما تسبق من أمة أجلها وما يستأخرون
कोई समुदाय न तो अपने निर्धारित समय से आगे बढ़ सकता है और न पीछे रह सकता है
27172344ثم أرسلنا رسلنا تترى كل ما جاء أمة رسولها كذبوه فأتبعنا بعضهم بعضا وجعلناهم أحاديث فبعدا لقوم لا يؤمنون
फिर हमने निरन्तर अपने रसूल भेजे। जब भी किसी समुदाय के पास उसका रसूल आया, तो उसके लोगों ने उसे झुठला दिया। अतः हम एक दूसरे के पीछे (विनाश के लिए) लगाते चले गए और हमने उन्हें ऐसा कर दिया कि वे कहानियाँ होकर रह गए। फिटकार हो उन लोगों पर जो ईमान न लाएँ
27182345ثم أرسلنا موسى وأخاه هارون بآياتنا وسلطان مبين
फिर हमने मूसा और उसके भाई हारून को अपनी निशानियों और खुले प्रमाण के साथ फ़िरऔन और उसके सरदारों की ओर भेजा।


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