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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2709 | 23 | 36 | هيهات هيهات لما توعدون |
| | | दूर की बात है, बहुत दूर की, जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है! |
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2710 | 23 | 37 | إن هي إلا حياتنا الدنيا نموت ونحيا وما نحن بمبعوثين |
| | | वह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। (यहीं) हम मरते और जीते है। हम कोई दोबारा उठाए जानेवाले नहीं है |
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2711 | 23 | 38 | إن هو إلا رجل افترى على الله كذبا وما نحن له بمؤمنين |
| | | वह तो बस एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अल्लाह पर झूठ घड़ा है। हम उसे कदापि माननेवाले नहीं।" |
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2712 | 23 | 39 | قال رب انصرني بما كذبون |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने जो मुझे झुठलाया, उसपर तू मेरी सहायता कर।" |
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2713 | 23 | 40 | قال عما قليل ليصبحن نادمين |
| | | कहा, "शीघ्र ही वे पछताकर रहेंगे।" |
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2714 | 23 | 41 | فأخذتهم الصيحة بالحق فجعلناهم غثاء فبعدا للقوم الظالمين |
| | | फिर घटित होनेवाली बात के अनुसार उन्हें एक प्रचंड आवाज़ ने आ लिया और हमने उन्हें कूड़ा-कर्कट बनाकर रख दिया। अतः फिटकार है, ऐसे अत्याचारी लोगों पर! |
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2715 | 23 | 42 | ثم أنشأنا من بعدهم قرونا آخرين |
| | | फिर हमने उनके पश्चात दूसरी नस्लों को उठाया |
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2716 | 23 | 43 | ما تسبق من أمة أجلها وما يستأخرون |
| | | कोई समुदाय न तो अपने निर्धारित समय से आगे बढ़ सकता है और न पीछे रह सकता है |
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2717 | 23 | 44 | ثم أرسلنا رسلنا تترى كل ما جاء أمة رسولها كذبوه فأتبعنا بعضهم بعضا وجعلناهم أحاديث فبعدا لقوم لا يؤمنون |
| | | फिर हमने निरन्तर अपने रसूल भेजे। जब भी किसी समुदाय के पास उसका रसूल आया, तो उसके लोगों ने उसे झुठला दिया। अतः हम एक दूसरे के पीछे (विनाश के लिए) लगाते चले गए और हमने उन्हें ऐसा कर दिया कि वे कहानियाँ होकर रह गए। फिटकार हो उन लोगों पर जो ईमान न लाएँ |
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2718 | 23 | 45 | ثم أرسلنا موسى وأخاه هارون بآياتنا وسلطان مبين |
| | | फिर हमने मूसा और उसके भाई हारून को अपनी निशानियों और खुले प्रमाण के साथ फ़िरऔन और उसके सरदारों की ओर भेजा। |
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