بسم الله الرحمن الرحيم

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27062333وقال الملأ من قومه الذين كفروا وكذبوا بلقاء الآخرة وأترفناهم في الحياة الدنيا ما هذا إلا بشر مثلكم يأكل مما تأكلون منه ويشرب مما تشربون
उसकी क़ौम के सरदार, जिन्होंने इनकार किया और आख़िरत के मिलन को झूठलाया और जिन्हें हमने सांसारिक जीवन में सुख प्रदान किया था, कहने लगे, "यह तो बस तुम्हीं जैसा एक मनुष्य है। जो कुछ तुम खाते हो, वही यह भी खाता है और जो कुछ तुम पीते हो, वही यह भी पीता है
27072334ولئن أطعتم بشرا مثلكم إنكم إذا لخاسرون
यदि तुम अपने ही जैसे एक मनुष्य के आज्ञाकारी हुए तो निश्चय ही तुम घाटे में पड़ गए
27082335أيعدكم أنكم إذا متم وكنتم ترابا وعظاما أنكم مخرجون
क्या यह तुमसे वादा करता है कि जब तुम मरकर मिट्टी और हड़्डियाँ होकर रह जाओगे तो तुम निकाले जाओगे?
27092336هيهات هيهات لما توعدون
दूर की बात है, बहुत दूर की, जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है!
27102337إن هي إلا حياتنا الدنيا نموت ونحيا وما نحن بمبعوثين
वह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। (यहीं) हम मरते और जीते है। हम कोई दोबारा उठाए जानेवाले नहीं है
27112338إن هو إلا رجل افترى على الله كذبا وما نحن له بمؤمنين
वह तो बस एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अल्लाह पर झूठ घड़ा है। हम उसे कदापि माननेवाले नहीं।"
27122339قال رب انصرني بما كذبون
उसने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने जो मुझे झुठलाया, उसपर तू मेरी सहायता कर।"
27132340قال عما قليل ليصبحن نادمين
कहा, "शीघ्र ही वे पछताकर रहेंगे।"
27142341فأخذتهم الصيحة بالحق فجعلناهم غثاء فبعدا للقوم الظالمين
फिर घटित होनेवाली बात के अनुसार उन्हें एक प्रचंड आवाज़ ने आ लिया और हमने उन्हें कूड़ा-कर्कट बनाकर रख दिया। अतः फिटकार है, ऐसे अत्याचारी लोगों पर!
27152342ثم أنشأنا من بعدهم قرونا آخرين
फिर हमने उनके पश्चात दूसरी नस्लों को उठाया


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